सुमन ने पकड़ी रफ्तार तो सपनों ने भरी उड़ान
जासं, चकिया (चंदौली) : 'परिदों को तालीम नहीं दी जाती उड़ानों की, वे बुलंदियां खुद चूम लेते हैं आसमानो
जासं, चकिया (चंदौली) : 'परिदों को तालीम नहीं दी जाती उड़ानों की, वे बुलंदियां खुद चूम लेते हैं आसमानों की' यह पंक्ति नगर के प्राथमिक विद्यालय प्रथम चकिया में अध्ययनरत कक्षा पांच की छात्रा सुमन पर सटीक बैठती है। महज 10 वर्ष की उम्र में कड़ी मेहनत के बल पर दौड़ की महारथी बन गई। हाल ही में आयोजित जिलास्तरीय दौड़ प्रतियोगिता में हैट्रिक लगाते हुए प्रथम स्थान हासिल कर प्रतिभागी बालिकाओं में अपना लोहा मनवा दिया। शिक्षा विभाग ने सुमन को पुरस्कृत किया तो वह फूले नहीं समाई। उसकी मेहनत और लगन को देखकर माता-पिता के सपनों को भी पंख लग गए हैं।
नगर के वार्ड 11 निवासी शिवपूजन बिद व राजकुमारी देवी के तीन संतानों में सबसे छोटी पुत्री सुमन का जन्म 10 जुलाई 2009 को हुआ। वह बाल्यकाल में ही एक अच्छी रेसर बनने का गौरव हासिल कर चुकी हैं। पुलिस अथवा सेना में शामिल होकर देश सेवा करने का लक्ष्य तय किया है। कहती हैं इरादे नेक हैं, मंजिल जरूर मिलेगी। प्रधानाध्यापक राजेश पटेल समेत अन्य गुरुजन सुमन का हौसला अफजाई करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते। बालिका की रुचि के मुताबिक रेस सहित खेलकूद में उसकी हिस्सेदारी बराबर कराते हैं। पिता भी मेहनत मजदूरी कर बिटिया के सपने को साकार करने में लगे हैं। सुमन नियमित स्कूल जाने के साथ मॉर्निग वाक व दौड़ लगाना नहीं भूलतीं। उनके साथ अन्य बच्चियां भी कदम से कदम मिलाती हैं। सुमन ने हाल ही में ब्लाकस्तरीय 50, 100 और 200 मीटर दौड़ में हैट्रिक तो लगाई ही जिले में भी प्रथम स्थान हासिल किया। वालीबॉल, फुटबॉल, हॉकी, खो-खो, लंबी कूद, ऊंची कूद में भी विशेष रुचि रखती हैं।