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कीटनाशक दवा लेकर स्कूल पहुंची छात्रा, मची खलबली

जासं, चकिया (चंदौली) : मां की डांट से आठवीं में पढ़ने वाली छात्रा गुरुवार को इस कदर क्षुब्ध हो गई कि

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 07:42 PM (IST)
कीटनाशक दवा लेकर स्कूल पहुंची छात्रा, मची खलबली
कीटनाशक दवा लेकर स्कूल पहुंची छात्रा, मची खलबली

जासं, चकिया (चंदौली) : मां की डांट से आठवीं में पढ़ने वाली छात्रा गुरुवार को इस कदर क्षुब्ध हो गई कि कीटनाशक दवा लेकर स्कूल पहुंच गई। दोपहर में विद्यालय में दिए जाने वाले भोजन में मिलाकर कीटनाशक दवा खाने की कोशिश उस समय नाकाम हो गई, जब सहपाठी छात्रा द्वारा कापी की मांग करने पर छात्रा के बैग से कीटनाशक दवा की शीशी जमीन पर गिर पड़ी। यह बात विद्यालय में फैल गई। कोतवाली पुलिस ने विद्यालय पहुंचकर तहकीकात की। छात्रा के अभिभावकों को बुलाकर आवश्यक पूछताछ करने के बाद उसे घर भेज दिया गया। मामला क्षेत्र के पचवनियां गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है।

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गांव निवासी छात्रा उक्त विद्यालय में कक्षा आठवीं में पढ़ती है। उसके घर निर्माण कार्य चल रहा है। विद्यालय जाने से पूर्व काम करने पर छात्रा ने इन्कार कर दिया तो उसकी मां ने उसे डांट दिया। इससे छात्रा क्षुब्ध हो गई। विद्यालय जाते समय उसने घर में रखी सब्जी के कीटनाशक दवा को अपनी बैग में रख लिया। विद्यालय जाने पर खुलासा हुआ तो मौके पर पहुंची पुलिस व शिक्षकों को छात्रा ने बताया कि मां की डांट से वह क्षुब्ध हो गई थी। दोपहर एमडीएम में परोसे जाने वाले खाना में मिलाकर खाने की योजना बनाई थी। अभिभावक ने बताया इधर कुछ दिनों से पुत्री मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रही है। दवा व इलाज के लिए बीते दिनों अस्पताल ले गए थे। प्रभारी प्रधानाध्यापक राम अवतार पांडेय ने बताया विद्यालय में पंजीकृत 176 छात्रों में 81 छात्रों की उपस्थिति रही। गेहूं की पिसाई नहीं होने से रोटी की जगह चावल व आलू, सोयाबीन की सब्जी बनी। खुद खाने के बाद छात्रों को परोसा गया और छात्रों ने खाया। बीईओ चंद्रशेखर आजाद ने कहा छात्रा की बीमारी के बाबत अभिभावकों द्वारा कोई जानकारी विद्यालय को नहीं दी गई थी। विद्यालय में छात्रा के आने पर आवश्यक उपचार का प्रबंध किया जाएगा। ---------------------

'अवसादग्रस्त बालिका की विभाग काउंसिलिग कराएगा। इसके लिए चाहे वाराणसी से ही चिकित्सीय टीम क्यों न बुलानी पड़े। वैसे शिक्षकों ने अभिभावकों को बालिका को घर पर रखकर देखभाल की सलाह दी है।

भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए


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