रात के अंधेरे में खेतों में जलाई जा रही पराली
जागरण संवाददाता चंदौली धान के कटोरे में प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद पराली जलाने पर
जागरण संवाददाता, चंदौली : धान के कटोरे में प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद पराली जलाने पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। खेत में रात के अंधेरे में फसल अवशेष जलाया जा रहा है। हालांकि कृषि विभाग की ओर से अब तक 37 किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। बावजूद इसके कार्रवाई का भय नहीं दिख रहा है।
कृषि प्रधान जनपद में अन्नदाता धान की कटाई के साथ गेहूं की बोआई के कार्य में जुटे हैं। मौसम के साथ नहीं देने से रबी के चालू सीजन में गेहूं की बोआई का कार्य पिछड़ गया है। बावजूद इसके 60 से 70 फीसदी गेहूं की बोआई हो चुकी है। छोटे व मझोले किसानों को छोड़ दें तो बड़े किसान खेतों में पराली होने के कारण गेहूं की बोआई नहीं कर पा रहे हैं। वैसे कृषि विभाग की ओर से पराली को नष्ट करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ डिकम्पोजर से धान की फसल के अवशेष को नष्ट करने का उपाय सुझाया गया है, लेकिन इसमें ज्यादा समय लगने के कारण उपाय कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसान पराली जलाने को विवश हो रहे हैं, ताकि समय से गेहूं की बोआई की जा सके। कार्रवाई के भय से दिन में तो पराली नहीं जलाई जा रही लेकिन रात के अंधेरे में फसल के अवशेष को जलाया जा रहा है। पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तो नष्ट हो ही रही, सूक्ष्म तत्व भी समाप्त हो रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में मिट्टी की सेहत और खराब होगी।
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वर्जन
पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने को निगरानी के लिए विभागीय कर्मियों की डयूटी लगाई गई है। किसानों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। फसल अवशेष जलाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजीव भारती, उप कृषि निदेशक