ओवरलोडिग नहीं रुकी तो किसी भी वक्त टूट जाएगा स्टील ब्रिज
जागरण संवाददाता सैयदराजा (चंदौली) जिले में ओवरलोड वाहनों का आवागमन रुक नहीं रहा है।
जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : जिले में ओवरलोड वाहनों का आवागमन रुक नहीं रहा है। इसके चलते नौबतपुर स्थित स्टील ब्रिज पर भी खतरा मंडराने लगा है। ब्रिज की क्षमता से डेढ़ गुना अधिक भार लादकर ट्रक बिहार के रास्ते गुजर रहे हैं। इसको लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परिवहन व खनन विभाग को पत्र भेजकर ओवरलोड पर रोक लगाने की मांग कर चुका है। लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। इससे ट्रक चालकों के हौसले बढ़े हुए हैं। दरअसल बिहार में बालू के खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) जुलाई से सितंबर तक रोक लगाई थी। खनन तो बंद रहा, लेकिन ट्रक बिहार में रखा स्टाक लेकर जिले में प्रवेश करती रहे। अक्टूबर माह में खनन शुरू होने के बाद ओवरलोड वाहनों की तादाद तेजी से बढ़ी है। नौबतपुर में कर्मनाशा नदी पर बने स्टील ब्रिज को पार करते हुए यूपी की सीमा में ट्रक घुस रहे हैं। स्टील ब्रिज की क्षमता 50 से 55 टन है। जबकि ओवरलोड ट्रकों पर 75 से 80 टन बालू लदी रहती है। इसके चलते पुल में लगे कल-पुर्जे अब ढीले पड़ने लगे हैं। रोजाना 500 से 600 बालू लदे ओवरलोड ट्रक प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में यदि पुल क्षतिग्रस्त हुआ, तो एक बार फिर से यूपी का संपर्क बिहार , झारखंड, पश्चिम बंगाल व उड़ीसा से टूट जाएगा। एनएचआइ के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने बताया कि ओवरलोड ट्रकों पर रोक लगाने के लिए स्थानीय व बिहार प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है। लेकिन बिहार में चुनाव के कारण प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। इसके चलते ओवरलोडिग रुक नहीं रही है। यही स्थिति रही तो किसी भी वक्त ब्रिज टूट सकता है।