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अध्यात्म में निहित है राष्ट्रीयता की भावना : योगी आदित्यनाथ

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा अध्यात्म में राष्ट्रीयता की भावना निहित है। संतों ने देश में व्याप्त अनेकता की भावना को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 09:13 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 01:41 AM (IST)
अध्यात्म में निहित है राष्ट्रीयता की भावना : योगी आदित्यनाथ
अध्यात्म में निहित है राष्ट्रीयता की भावना : योगी आदित्यनाथ

जागरण संवाददाता, चहनियां (चंदौली) : सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा अध्यात्म में राष्ट्रीयता की भावना निहित है। संतों ने देश में व्याप्त अनेकता की भावना को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। इससे देश को भाषा व संस्कृति के आधार पर बांटने की मंशा रखने वालों के मंसूबे नाकाम हो गए। संतों की विचारधारा को किसी एक संप्रदाय अथवा जाति के बंधन में बांधा नहीं जा सकता। महान संतों का जन्म लोक कल्याण के लिए हुआ था। उन्होंने समाज का उद्धार किया।

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सीएम गुरुवार को चहनियां क्षेत्र के रामगढ़ स्थित बाबा कीनाराम जन्मस्थली पर आयोजित जन्मोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। वह 3:40 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। डमरू की ध्वनि व शंखनाद से उनका स्वागत किया गया। उन्होंने कीनाराम की तपोस्थली और उस वटवृक्ष का दर्शन-पूजन किया, जिसके नीचे बैठकर अघोराचार्य साधना करते थे। बाबा कीनाराम की गद्दी का दर्शन किया। मठ के पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम से शिष्टाचार भेंट करने के बाद 4:05 बजे मंचासीन हुए। मंच से सिर्फ अध्यात्म व संतों की परंपरा की बातें की। बोले, बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आकर अपने को सौभाग्यशाली मान रहा हूं। अघोराचार्य की कीर्ति व चमत्कार को पूरा देश जानता है। उन्होंने सुसुप्तावस्था में चले गए अघोरपंथ को अपनी साधना के दम पर जीवंत किया। यहां ऐसा लग रहा मानो अघोराचार्य का जन्म कल ही हुआ हो। 419 वर्ष पहले जन्मे बाबा कीनाराम की स्मृतियों को आज भी जीवंत रखने के लिए मठ प्रशासन महान है और बधाई का पात्र है। 25 वर्ष में एक पीढ़ी ढल जाती है। मठ प्रशासन ने 16-17 पीढि़यों तक कीनाराम की स्मृतियों को आगे बढ़ाने का काम किया। कहा संतों के विश्वास से हमें प्रेरणा मिलती है। साथ ही समाज को एक सूत्र में बांधने में भी सहायक होती हैं। बाबा कीनाराम का जन्म भले ही रामगढ़ में हुआ, लेकिन उनका प्रकटीकरण हर स्थान पर देखने को मिलता है। मठ व मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ व उपासना के लिए ही नहीं हैं, बल्कि एकात्मता के केंद्र हैं। जब-जब देश में संकट की स्थिति पैदा हुई, तो संतों ने मार्गदर्शन कर संकट से उबारने का काम किया। देश में योग परंपरा का विकास इन्हीं योगियों और आध्यात्मिक गुरुओं की देन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे पूरी दुनिया में फैलाने का कार्य कर रहे हैं। दुनिया के 193 देश उन महान संतों के प्रति कृतज्ञता जाहिर कर रहे हैं। कहा यहां के कण-कण में शिव का वास है। बाबा कीनाराम की धरोहर को संजोने का काम किया जाएगा, इसलिए पर्यटन मंत्री को साथ लेकर आया हूं। जन्मस्थली के विकास, संरक्षण व संवर्धन की दिशा में काम किया जाएगा। पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी मठ के पीठाधीश्वर से समन्वय स्थापित कर स्थल के विकास की रूपरेखा तैयार करें। इस दौरान बाबा कीनाराम मठ के कार्यक्रम संयोजक अजीत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष सर्वेश कुशवाहा, जितेंद्र पांडेय, अनिल सिंह, हरिवंश उपाध्याय, ओमप्रकाश सिंह आदि थे। संचालन धनंजय सिंह ने किया।


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