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सीबीएसई विद्यालयों में दिव्यांग छात्रों को देगी विशेष सुविधा

सीबीएसई दिव्यांग छात्रों के लिए कुछ विशेष सुविधाएं देने जा रही है। अभी सीबीएसई इसके लिए मसौदा तैयार कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में दिव्यांग छात्रों के लिए भारतीय साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि आदि से पढ़ाई की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही कंप्यूटर आधारित टेस्ट, हाजिरी में छूट, अहम विषयों के लिए अलग-अलग कठिनाई स्तर का विकल्प और विषयों के चयन में लचीलता प्रदान किया जाना भी शामिल है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:35 PM (IST)
सीबीएसई विद्यालयों में दिव्यांग छात्रों को देगी विशेष सुविधा
सीबीएसई विद्यालयों में दिव्यांग छात्रों को देगी विशेष सुविधा

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : सीबीएसई दिव्यांग छात्रों को विशेष सुविधाएं देने जा रही है। अभी इसे लिए मसौदा तैयार हो रहा है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में दिव्यांग छात्रों के लिए भारतीय साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि आदि से पढ़ाई की व्यवस्था शुरू होगी। इसके साथ ही कंप्यूटर आधारित टेस्ट, हाजिरी में छूट, अहम विषयों के लिए अलग-अलग कठिनाई स्तर का विकल्प और विषयों के चयन में सहुलियत रहेगी।

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कुछ अहम सुझावों में विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए एक विषय के तौर पर इंडियन साइन लैंग्वेज शामिल है। बोर्ड परीक्षाओं में भाषा के दो या एक अनिवार्य पेपर की जो मौजूदा शर्त है, उसमें भी इस तरह के बच्चों को छूट दी जा सकती है और बोर्ड द्वारा सुझाए गए नियम के मुताबिक इसकी जगह बच्चों को इंडियन साइन लैंग्वेज का आप्शन दिया जा सकता है। इसी तरह से ब्रेल को भी भाषा के एक विकल्प के तौर पर आफर किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो पालिसी के ड्राफ्ट में बोर्ड ने कहा टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करके पढ़ने-पढ़ाने और परीक्षाओं को सभी के लिए सुलभ बनाया जाए लेकिन मौजूदा समय में संसाधनों की कमी सबसे बड़ी समस्या है। पालिसी के ड्राफ्ट में बोर्ड ने सैकेंड्री और सीनियर सैकेंड्री लेवल पर ज्यादा ऐसे विषयों का आप्शन देने को कहा है जो कौशल आधारित हो। दिव्यांगों को दिए जाएंगे विकल्प

गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे अहम विषयों को सभी छात्रों के लिए रुचिकर बनाने के लिए इसमें दो या तीन कठिनाई स्तर का विकल्प मुहैया कराने को कहा है। कठिनाई स्तर का यहां मतलब है कि एक विकल्प ऐसा होगा जिसमें ज्यादा कठिनाई वाले टापिक होंगे, दूसरे में उससे कम कठिन टापिक और तीसरे में और भी कम कठिन टापिक होंगे। इससे छात्र अपनी शैक्षिक प्रतिभा के मुताबिक, विकल्प का चुनाव करने की स्थिति में होंगे। इसके अलावा सीनियर सैकेंड्री लेवल में अलग-अलग विषयों के कांबिनेशन का भी प्रस्ताव दिया है। दिव्यांगों को मिलेगा आनलाइन कंटेंट

जो छात्र चलने-फिरने के योग्य नहीं हैं, उनके लिए सीबीएसई ने आनलाइन कंटेंट मुहैया कराने को कहा है। सीबीएसई ने अपने सुझाव में कहा है,'जो बच्चे क्लासरूम तक नहीं आ सकते हैं, उनके लिए आनलाइन क्लास कंटेंट तैयार किए जाएं।'वहीं कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित छात्र या दूर-दराज इलाके में रहने वाले छात्र या गंभीर रूप से शारीरिक दिव्यांगों को हाजिरी में छूट दी जा सकती है। उनको स्कूल आने की जरूरती नहीं होगी। वे प्रत्येक सेशन के बाद आनलाइन ही टेस्ट भी दे सकते हैं। उपलब्ध कराया जाएगा इन्फ्रास्ट्रक्चर

पालिसी के ड्राफ्ट में दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए स्कूल में इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने का सुझाव दिया गया है। ड्राफ्ट में कहा गया है कि सभी स्कूल बि¨ल्डग ऐसे हों कि दिव्यांग आसानी से आ-जा सकें, स्कूल बि¨ल्डग के हर हिस्से में रैम्प या लिफ्ट हो और कम से कम एक सुलभ शौचालय का निर्माण किया जाए।


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