गोद लिए गांवों में सुधर रही मिट्टी की सेहत
धान के कटोरे में मिट्टी की सेहत सुधारने को कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर कृषि विभाग ने हर ब्लाक में माडल गांव का चयन किया है। माडल गांवों में प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा चुका है। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खेतों में खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
जागरण संवाददाता, चंदौली : धान के कटोरे में मिट्टी की सेहत सुधारने को कवायद शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर कृषि विभाग ने हर ब्लाक में माडल गांव का चयन किया है। माडल गांवों में प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी की जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा चुका है। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खेतों में खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। विभाग की पहल से रासायनिक खाद के इस्तेमाल को लेकर किसानों का रूझान कम होने की उम्मीद जगी है।
कृषि प्रधान जनपद में मिट्टी में जिक, सल्फर की मात्रा घट रही। जीवांश कार्बन भी न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है। कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए पहल की है। जिले में नौ गांवों का माडल गांव के रूप में चयन किया गया है। चहनियां ब्लाक के सिगहा, धानापुर महेशी, सकलडीहा के रतनपुर, बरहनी के नौबतपुर, नियामताबाद के सिकंदरपुर, सदर के पुरवां, नौगढ़ के शाहपुर, शहाबगंज के अरजी कृष्णापन और चकिया के पड़री गांव का चयन किया गया। इन गांवों में प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी के नमूने लिए गए। मुख्यालय स्थित कृषि उपनिदेशक कार्यालय के लेबल एक व लेबल दो लैब में मृदा में मौजूद पोषण सामान्य और सूक्ष्म तत्वों की जांच की गई। विभाग की ओर से इन गांवों के 1595 किसानों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। विभाग की ओर से गांवों में किसान पाठशाला लगाई जा रही है। कृषि विज्ञानी, विभागीय अधिकारी व कर्मचारी ग्रामीणों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खाद के इस्तेमाल के बाबत जागरूक कर रहे। ताकि मिट्टी की बिगड़ती सेहत में सुधार हो सके।
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वर्जन :
जनपद में नौ माडल गांवों का चयन किया गया है। गांवों के प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी की जांच कराई गई। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का भी वितरण किया गया है। किसानों को जैविक खेती की सलाह दी जा रही।
विजय सिंह, कृषि उपनिदेशक