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छह आक्सीजन प्लांट एक सप्ताह में हो जाएंगे शुरू

जिले में एक सप्ताह के अंदर आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे। दो-तीन दि

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 06:46 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 06:46 PM (IST)
छह आक्सीजन प्लांट एक सप्ताह में हो जाएंगे शुरू
छह आक्सीजन प्लांट एक सप्ताह में हो जाएंगे शुरू

जागरण संवाददाता, चंदौली : जिले में एक सप्ताह के अंदर आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे। दो-तीन दिनों के अंदर मशीनें पहुंच जाएंगी। पाइपलाइन के जरिए आक्सीजन बेड तक पहुंचेगी। केंद्रीय कौशल विकास मंत्री और सांसद डाक्टर महेंद्रनाथ पांडेय के साथ ही भाजपा विधायकों ने अपनी निधि से प्रशासन को 1.20 करोड़ रुपये दिए थे। इसी धनराशि से प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसकी शुरूआत होने से कोरोना मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होगी।

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कोरोना काल में आक्सीजन की किल्लत हो गई है। जिले में छह प्लांट हैं। प्रत्येक की क्षमता प्रतिदिन 46 टन की है। वहीं सभी प्लांटों में रोजाना 4500 सिलेंडर रिफिलिग किए जा रहे। हालांकि गैरजनपदों में अनुबंध के तहत आपूर्ति के चलते जिले की डिमांड पूरी नहीं कर पा रहे। इससे जिला अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में आक्सीजन की कमी बनी है। जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए पहल की। अपनी निधि से 1.20 करोड़ रुपये धनराशि मुहैया कराई थी। इस धनराशि से जिला प्रशासन आक्सीजन प्लांट लगवाने की तैयारी में जुटा है। मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल, चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी भोगवारा, नौगढ़ और धानापुर में प्लांट लगाए जाएंगे। अस्पतालों में मशीनें लगाई जाएंगी। यहां से पाइपलाइन के जरिए बेड तक आक्सीजन पहुंचेगी। ऐसे में सिलेंडर की जरूरत ही समाप्त हो जाएगी।

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छह आक्सीजन प्लांट नहीं

कर पा रहे जरूरतें पूरी

जिले में छह बड़े आक्सीजन प्लांट हैं, इन्हें यदि सिर्फ चंदौली में आपूर्ति करनी रहे तो आक्सीजन की कोई किल्लत नहीं होगी। हालांकि प्लांट संचालकों ने वाराणसी, गाजीपुर समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों से अनुबंध किया है। ऐसे में जरूरत के मुताबिक उन अस्पतालों में भी सिलेंडर भेजने होते हैं। इससे जिले में खपत की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं और आक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। हालांकि अस्पतालों में प्लांट लगने के बाद इससे निजात मिल जाएगी।

वर्जन

जिले में छह आक्सीजन प्लांट एक सप्ताह के अंदर शुरू हो जाएंगे। जल्द ही मशीनें जिले में आ जाएंगी। उन्हें छह अस्पतालों में लगवाया जाएगा। वहीं पाइपलाइन के जरिए आक्सीजन बेड तक पहुंचेगी। इससे कोरोना काल में मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होगी।

अजितेंद्र नारायण, सीडीओ


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