साहब एक नजर कोतवाली के कारखासों पर
अवैध लेन-देन के मामले में रेलवे चौकी प्रभारी के नपने के बाद से पीडीडीयू नगर कोतवाली चर्चा में है। जनपद का मिजाज परखने के बाद पुलिस कप्तान भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सुधार का चाबुक चला रहे हैं। इससे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के होश उड़े हुए हैं। अब पुलिस मुखिया की नजर कोतवाली के कारखासों (आरक्षियों) पर पड़े तो बात बने।
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : अवैध लेन-देन के मामले में रेलवे चौकी प्रभारी के नपने के बाद से पीडीडीयू नगर कोतवाली चर्चा में है। जनपद का मिजाज परखने के बाद पुलिस कप्तान भी भ्रष्टाचार के खिलाफ सुधार का चाबुक चला रहे हैं। इससे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के होश उड़े हुए हैं। अब पुलिस मुखिया की नजर कोतवाली के कारखासों (आरक्षियों) पर पड़े तो बात बने। इन्हें थानेदार का मुनीम और बिना वर्दी के बादशाह कह सकते हैं। विशेष अवसरों पर वर्दी पहनने की भरपूर छूट है। बाकी समय हिसाब किताब और सेटिग में लगे रहते हैं। इनका सिक्का भी खूब चलता है। दीवान से लेकर दारोगा तक इनके आगे नतमस्तक रहते हैं।
थानों में भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी हैं। पुलिस पर यूं ही गंभीर आरोप नहीं लगते। दरअसल कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मी खाकी का दामन और महकमे की छवि को धूमिल किए हुए हैं। कुछ थानों में कारखासों की व्यवस्था अब तक कायम है। प्रभारी अपने चहेते आरक्षियों को यह महत्वपूर्ण ओहदा सौंपते हैं। इनका ध्यान भी रखते हैं और बराबर वरदहस्त भी बना रहता है। कारखास महकमे की सेवा के बदले साहब की सेवा में पूरी तरह समर्पित रहते हैं। हाई प्रोफाइल मामलों में समझौता हो या नगर के बड़े प्रतिष्ठान संचालकों और ठीकेदारों से संपर्क गांठना। सब इन्हीं के जिम्मे रहता है। पर्वों पर उच्चाधिकारियों के यहां मिठाई पहुंचाना, उनके बच्चों के लिए कपड़े और पटाखे आदि की व्यवस्था का जिम्मा भी यही उठाते हैं। इस समर्पण के एवज में इन्हें ड्यूटी नहीं करने की पूरी आजादी मिली रहती है। विशेष अवसरों पर ही इनके तन पर वर्दी चढ़ती है। पीडीडीयू नगर कोतवाली में भी कुछ कारखास लंबे समय से तैनात बिना वर्दी घूमते नजर आते हैं। ड्यूटी से बेपरहवाह अपनी ही रौ में काम को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि कप्तान की नजर वर्दी की आड़ में खेल करने वालों पर गड़ी हुई है। पकड़ में आए तो कड़ी कार्रवाई भी तय है। ''थानों में सभी को वर्दी में ड्यूटी करने का निर्देश है। भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कारखासों का सवाल है तो इसको गंभीरता से संज्ञान में लिया जाएगा। पकड़ में आने पर कार्रवाई तय है।''
-हेमंत कुटियाल, पुलिस अधीक्षक।