मानवता का बोध कराती है श्रीराम कथा
जासं, चकिया (चंदौली) : समाज में व्यक्तियों का प्रतिदिन नैतिक पतन होता जा रहा। कलयुग में आहार के स
जासं, चकिया (चंदौली) : समाज में व्यक्तियों का प्रतिदिन नैतिक पतन होता जा रहा। कलयुग में आहार के साथ ही लोगों का विचार भी दूषित हो चुका है। लोगों के व्यवहार की पवित्रता जीवन में कहीं नहीं दिखाई देती। इससे समाज में भय, आतंकवाद व द्वेष आदि काफी तेजी से फैल रहा। यह बातें नगर के कालीजी पोखरा परिसर में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा की छठवीं निशा पर बुधवार की देरशाम कथावाचक मनोज अवस्थी महाराज ने कहीं।
कहा आज के परिवेश में समस्त विकारों को समाप्त कर समाज में एक दूसरे के प्रति आपसी प्रेम, सौहार्द के साथ भगवान के प्रति श्रद्धा व प्रेम जगाने का काम सत्संग के माध्यम से होता है। श्रीराम कथा मानव के अंदर उत्पन्न आसुरी प्रवृत्ति का दमन कर मानवता का बोध कराती है। मातृत्व प्रेम, दाम्पत्य जीवन एवं व्यवहारिक बातों का भी ज्ञान श्रीराम चरित मानस के माध्यम से प्राप्त होता है। श्रीराम कथा आरंभ होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग देर रात तक कथा सुनते रहे। पोथी पूजन के साथ कथा आरंभ हुई। भव्य आरती व प्रसाद का वितरण हुआ। डा. गीता शुक्ला, श्यामधर शरण वैद्य, पूर्व चेयरमैन कैलाश प्रसाद जायसवाल, शिवरतन गुप्ता, श्याम नारायण विश्वकर्मा, मोहन पांडेय, विजयानंद द्विवेदी, सदानंद पांडेय सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित थे।