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रोगग्रस्त फसल की फोटो भेजें, 48 घंटे में पाएं निदान

जागरण संवाददाता चंदौली फसल में रोग लगने पर किसानों को अब कृषि विभाग या कृषि विशेषज्ञों ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 10:47 PM (IST)
रोगग्रस्त फसल की फोटो भेजें, 48 घंटे में पाएं निदान
रोगग्रस्त फसल की फोटो भेजें, 48 घंटे में पाएं निदान

जागरण संवाददाता, चंदौली : फसल में रोग लगने पर किसानों को अब कृषि विभाग या कृषि विशेषज्ञों के दफ्तरों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। सहभागी फसल निगरानी प्रणाली से घर बैठे अन्नदाताओं को समस्या का निदान मिल जाएगा। किसानों को रोगग्रस्त फसल की फोटो खींचकर वाट्सएप पर भेजनी होगी। कृषि विशेषज्ञ 48 घंटे में रोग की पहचान कर निदान बता देंगे। इससे किसानों को राहत मिलेगी।

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मौसम में बदलाव के साथ फसल में रोग और कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इससे निजात पाने के लिए किसानों को कृषि विभाग, कृषि विशेषज्ञों के साथ दुकानदारों के चक्कर काटने पड़ते हैं। दुकानदार अपने हिसाब से निदान बताकर कृषि रसायन की बिक्री कर अपनी जेब भर लेते हैं लेकिन किसानों को राहत नहीं मिलती। ऐसे में शासन ने सहभागी फसल निगरानी और निदान प्रणाली शुरू की है। इसके जरिए किसान अब घर बैठे निदान पा सकते हैं। किसानों को अनुभवी कृषि विशेषज्ञों की सलाह मिलेगी।

इन नंबरों पर भेजें रोगग्रस्त फसल की फोटो

सहभागी फसल निगरानी और निदान प्रणाली के तहत 9452247111 और 9452257111 वाट्सएप नंबर दिए गए हैं। किसानों को इन्हीं दो नंबरों पर रोग ग्रस्त फसल की फोटो भेजनी होगी। साथ ही फसल में रोग के प्रभाव के बारे में संक्षिप्त विवरण देना होगा। शासन किसान की समस्या सीधे कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय को अवगत कराएगा। विभागीय अधिकारी-कर्मचारी 48 घंटे में सटीक निदान किसान को बताएंगे। इसका पूरा विवरण किसान के मोबाइल पर भेजा जाएगा। साथ ही फसल की सही ढंग से देखभाल के तरीके भी बताए जाएंगे।

शीत ब्लाइट व तना छेदक का प्रभाव

वर्तमान में धान की फसल में शीत ब्लाइट, तना छेदक आदि रोग और कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। कई दिनों से पर्याप्त बारिश न होने से रोग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। इससे किसान परेशान हैं। ऐसे में सहभागी फसल निगरानी व निदान प्रणाली कारगर साबित होगी। किसानों की सहूलियत के लिए सहभागी फसल निगरानी और निदान प्रणाली लागू की गई है। वाट्सएप पर रोग ग्रस्त फसल की फोटो भेजने पर किसानों को निदान मिलेगा। यह प्रणाली काफी कारगर है।

अमित जायसवाल, जिला कृषि रक्षा अधिकारी


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