राशन के लिए सुरक्षा घेरा, फिर भी हो रही मुश्किल
कोरोना से जंग को गरीबों के राशन पर सुरक्षा घेरा बनाया गया है। शारीरिक दूरी व सैनिटाइजर के प्रयोग के बाद दुकानों से खाद्यान्न तो मिल रहा साथ ही कालाबाजारी का दीमक
जासं, चकिया (चंदौली) : कोरोना से जंग को गरीबों के राशन पर सुरक्षा घेरा बनाया गया है। शारीरिक दूरी व सैनिटाइजर के प्रयोग के बाद दुकानों से खाद्यान्न तो मिल रहा, साथ ही कालाबाजारी का दीमक व्यवस्था को खोखला न कर सके, इसके लिए आधार फीडिग हुई। शासन ने वितरण प्रणाली को डिजिटल युग से जोड़ते हुए ई-पॉस मशीन से राशन वितरित कराना शुरू किया। यहां तक तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी दिक्कतों ने ई-पॉस मशीन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कहीं सर्वर नहीं आ रहा है तो कहीं अंगूठा मेल खाने की परेशानी। कार्डधारक ऐसे में बिना राशन के मायूस होकर घर लौट जा रहे हैं।
दरअसल, राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिहाज से मंगाई गई हाईटेक ई-पॉस मशीन जी का जंजाल बन गई हैं। तमाम गांवों में ई-पॉस मशीन में आ रही तकनीकी खामी का फायदा उठाते हुए कोटेदार राशन नहीं बांट रहे हैं। इससे जरूरतमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में दुकानों से प्रति यूनिट पांच किलो चावल मुफ्त में बांटा जा रहा है। इसके लिए दुकानों पर कार्ड धारकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। विभाग ने 26 अप्रैल तक वितरण की अवधि निश्चित की है। वहीं आधार लिक करने में आ रही दिक्कत को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत राशन बांटने को लेकर दिए गए निर्देश के बाद भी कुछ गांवों में लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली ई-पॉस मशीनों में बदलाव कर दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में मुहैया कराई मशीनों में रेटिना भी पढ़ने की सुविधा है। मशीनों में तकनीकी खामियों की वजह से कुछ गांवों में राशन का वितरण करने में दिक्कत आ रही है। कुछ कोटेदार गांव वालों को इसका बहाना बनाकर बिना राशन दिए ही वापस भेज दे रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि वैश्विक महामारी में शासन को मैन्युअल रजिस्टर में इंट्री कर राशन बांट देना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को लाभ मिल सके।
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वर्जन..
सभी कार्डधारकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने को विभाग संजीदा है। वैश्विक महामारी के संकट में कोटेदारों को शत-प्रतिशत कार्डधारकों में राशन वितरित करने का निर्देश है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर की समस्या से अंगूठा मेल नहीं होने की शिकायत रहती है। यदि कोटेदार इसका बहाना बनाकर राशन नहीं देते हैं तो कार्रवाई होगी।
ममता सिंह, पूर्ति निरीक्षक