ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा, पुलिस व एनएचएआई कर्मी अलर्ट
ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते नौबतपुर में कर्मनाशा नदी पर बने स्टील ब्रिज का पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद पुलिस व एनएचएआई प्रशासन अलर्ट हो गया है। मार्ग पर ओवरलोड वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया। एनएचएआई कर्मी बिहार से बालू लादकर आने वाले ओवरलोड ट्रकों को मोहनियां से वापस लौटा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते नौबतपुर में कर्मनाशा नदी पर बने स्टील ब्रिज का पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद पुलिस व एनएचएआई प्रशासन अलर्ट हो गया है। मार्ग पर ओवरलोड वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया। एनएचएआई कर्मी बिहार से बालू लादकर आने वाले ओवरलोड ट्रकों को मोहनियां से वापस लौटा रहे हैं। वहीं यूपी-बिहार सीमा पर सैयदराजा पुलिस भी सतर्क है। प्रशासन की सख्ती से वाहन चालकों में खलबली मची है। वहीं बिहार सीमा में हाईवे की वाहनों की कतार लग गई है।
एनएचएआई की दो टीमें सक्रिय हैं। एक टीम स्टील ब्रिज पर तैनात कर दी गई है। वहीं एक टीम को बिहार प्रांत के मोहनियां में लगाया गया है। दोनों टीमें 24 घंटे हाईवे पर आने-जाने वाले वाहनों पर नजर बनाए हुए हैं। यूपी और बिहार पुलिस का भी सहयोग मिल रहा है। एनएचएआई कर्मियों ने मोहनियां से ही बालू लदे ओवरलोड ट्रकों को वापस लौटना शुरू कर दिया है। दरअसल, कर्मनाशा नदी पर बना पुल दिसंबर 2019 में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल समेत चार राज्यों का संपर्क आपस में टूट गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में रूट डायवर्जन कर पीपा पुल बनाया था। बारिश में कर्मनाशा नदी का जलस्तर बढ़ने से डायवर्जन मार्ग से आवागमन ठप हो गया था। इसके बाद एनएचएआई ने 12 करोड़ की लागत से स्टील ब्रिज का निर्माण कराया। लेकिन 55 टन तक क्षमता वाले पुल से ओवरलोड वाहनों के गुजरने का क्रम शुरू हो गया था। इससे उद्घाटन के 48 घंटे के बाद ही पुल का पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया और मार्ग पर वाहनों का आवागमन ठप हो गया था। मरम्मत के बाद मंगलवार की शाम से वाहनों का आवागमन दोबारा शुरू हुआ। हालांकि एनएचएआई प्रशासन व पुलिस की मुस्तैदी के चलते इस बार खनन माफियाओं के मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे। एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने बताया कि ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ था। ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए टीम तैनात कर दी गई है।
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बालू माफिया बनाते हैं दबाव
एनएचएआई कर्मियों ने बताया बालू की ओवरलोड वाहनों को पार कराने के लिए बालू माफियाओं की ओर से दबाव बनाया जाता है। इसके बाबत स्थानीय प्रशासन को कई बार सूचित किया गया है। लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सुस्ती बरत रहा है। इसके चलते पुल व सड़कों पर खतरा मंडरा रहा है।
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कभी भी टूट सकता है ब्रिटिशकालीन पुल
स्टील ब्रिज पर सख्ती के बाद खनन माफिया चोरी-छिपे ब्रिटिशकालीन पुराने कर्मनाशा पुल के ओवरलोड ट्रकों को गुजारने का काम कर रहे हैं। रात के वक्त ट्रकें बेरोकटोक पुल से गुजर रहे हैं। इससे 100 साल से अधिक पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है।