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कुपोषित बच्चा ढूंढने में नाकाम हुए तो रुकेगा वेतन

कुपोषित बा ढूंढने में नाकाम हुए तो रुकेगा वेतन

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 07:16 PM (IST)
कुपोषित बच्चा ढूंढने में नाकाम हुए तो रुकेगा वेतन
कुपोषित बच्चा ढूंढने में नाकाम हुए तो रुकेगा वेतन

जासं, चंदौली : आकांक्षात्मक जनपद में राज्य पोषण मिशन को गति देने के लिए उच्चाधिकारियों ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सीडीपीओ को कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर एनआरसी (कुपोषण पुनर्वास केंद्र) में इलाज कराने व योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं। हर माह कम से कम तीन अतिकुपोषित बच्चों को ढूंढने व इलाज कराने में नाकाम सीडीपीओ का वेतन रोकने के साथ ही विभागीय कार्रवाई की हिदायत दी गई है।

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जिले में तकरीबन 2500 कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चे हैं। सर्वाधिक कुपोषित बच्चों वाले 60 गांवों को चिह्नित कर अधिकारियों को गोद दिया गया है। नोडल अफसरों को बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने और अभिभावकों को मनरेगा, राशन कार्ड, पेंशन समेत अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अतिकुपोषित बच्चों के इलाज के लिए चकिया स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में एनआरसी सेंटर की स्थापना की गई है। लेकिन नोडल व बाल विकास विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की सुस्ती सारी कवायद पर पानी फेरने का काम कर रही है। खासतौर से सीडीपीओ अतिुकपोषित बच्चों को चिह्नित कर इलाज कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहीं। लिहाजा पोषण मिशन रफ्तार नहीं पकड़ रहा। इससे शासन में छवि खराब हो रही है। उच्चाधिकारियों ने इसको गंभीरता से लिया है। सभी सीडीपीओ को हर माह तीन अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर एनआरसी में इलाज कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है। सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव ने लक्ष्य पूरा करने में नाकाम सीडीपीओ का वेतन रोकने के साथ ही कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने की चेतावनी दी है।

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वर्जन :

जिला प्रशासन राज्य पोषण मिशन की सफलता को लेकर गंभीर है। सीडीपीओ को हर माह तीन अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित कर एनआरसी में इलाज कराने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों का वेतन रोकने के साथ ही विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

डा. एके श्रीवास्तव, सीडीओ


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