फर्जी पते पर वाहनों का पंजीकरण, टैक्स जमा कराने में विभाग हलकान
जागरण संवाददाता चंदौली फर्जी पते पर वाहनों का पंजीकरण कराने वाले वाहन स्वामियों से शुल्
जागरण संवाददाता, चंदौली : फर्जी पते पर वाहनों का पंजीकरण कराने वाले वाहन स्वामियों से शुल्क वसूलना परिवहन विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है। वाहन स्वामियों पर रजिस्ट्रेशन, वाहन फिटनेस शुल्क समेत टैक्स वर्षों से बकाया है। विभाग की करीब 1.50 करोड़ से अधिक राजस्व की वसूली अधर में है। सख्ती करते हुए पिछले दिनों दर्जनों वाहन स्वामियों को आरसी जारी कर करीब एक करोड़ रुपये बकाया राजस्व की वसूली की गई थी। परिवहन विभाग शेष वाहन स्वामियों की ओर से जमा कराए गए अभिलेखों के आधार पर उनके पते की जानकारी कर राजस्व विभाग से आरसी जारी कराने की योजना बना रहा है। दरअसल राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने करीब सात-आठ साल पहले वाहन स्वामियों की ओर से पते की पड़ताल किए बगैर वाहनों का पंजीकरण कर दिया गया। वाहन स्वामी बाद में गायब हो गए। अधिकांश वाहन स्वामी बिहार के रहने वाले हैं इसलिए दिक्कत आ रही है।
बिहार प्रांत के रहने वाले कई वाहन स्वामियों ने चंदौली का फर्जी पता देकर नए वाहनों का पंजीकरण करा लिया था। रजिस्ट्रेशन शुल्क व वाहनों की फिटनेस, टैक्स की वसूली की नौबत आई तो विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया लेकिन संबंधित पते पर नोटिस लेने वाला कोई नहीं मिला। वहीं जो लोग मौजूद थे, उनका वाहन स्वामियों से कोई संबंध नहीं था। इससे ऊहोपोह की स्थिति पैदा हो गई। जिले में ऐसे लगभग चार सौ से अधिक मामले हैं। विभाग ने वाहन स्वामियों की ओर से जमा कराए गए दस्तावेजों के आधार पर उनके स्थाई पते के बारे में जानकारी इकट्ठा की। इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से संबंधित जिला प्रशासन से संपर्क साधा और वाहन स्वामियों से टैक्स की रिकवरी के लिए आरसी जारी कराई। अधिकारियों ने बताया कि करीब एक करोड़ से अधिक टैक्स की वसूली हो चुकी है, जबकि अभी लगभग 300 वाहन स्वामियों पर डेढ़ करोड़ रुपये टैक्स बकाया है। उनसे वसूली के लिए जल्द आरसी जारी की जाएगी। धनराशि जमा न कराने वाले वाहन स्वामियों के खिलाफ विभाग विधिक कार्रवाई कराएगा। 'वाहन स्वामियों की ओर से उपलब्ध कराए गए कागजातों से उनके स्थाई पते के बारे में जानकारी की जा रही है। जल्द ही जिलाधिकारी के माध्यम से आरसी जारी कराई जाएगी। जो वाहन स्वामी टैक्स जमा नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई कराई जाएगी।
डा. दिलीप गुप्ता, एआरटीओ प्रशासन