मानव जीवन के पापों का विनाशक है राम नाम
मानव जीवन के पापों का विनाशक है राम नाम
जासं, चकिया (चंदौली) : कथावाचक आचार्य मनोज अवस्थी जी महाराज ने कहा कि राम नाम का जाप ही मानव को भवसागर पार करा सकता है। राम नाम की महिमा अपार है। राम नाम एक ऐसा अस्त्र है, जो मानव जीवन के पापों का विनाशक है। वे नगर के काली जी मंदिर परिसर में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा की दूसरी निशा पर शनिवार की देरशाम भक्तों को कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह प्रसंग को भी सुनाया।
कहा शिवजी जब दूल्हा बने तो उनके गणों ने शिवजी का बड़े चाव से श्रृंगार किया। लेकिन उनका श्रृंगार भी अछ्वुत ही था। कामदेव को भस्म करते समय शिवजी की जटा जो बिखर गई थी, उनको एकत्र कर बांध दिया गया। जटा दोबारा न बिखरे इसके लिए सर्प को जटाओं में लपेट दिया गया। शिवजी ने तो जनकल्याण के लिए विष का सेवन भी किया। उन्होंने विष का सेवन स्वाद और नशे के लिए नहीं किया। इसलिए मनुष्य को नशे की लत नहीं डालनी चाहिए। पार्वती के कन्यादान के लिए हिमालय ने बहुत ही भव्य मंडप सजाया था। लेकिन शिवजी का दर्शन करते ही सारे गांव वाले बेहोश हो गए। गांव वालों की जुबान से निकला की यह दूल्हा नहीं है। यह तो कोई यम का दूत है। लेकिन जब शिवजी ने अपना असली रूप दिखाया तो सबकी समझ आ गया कि असलियत क्या है। विवाह प्रसंग सुन श्रोता गदगद हो गए। भव्य आरती व प्रसाद वितरित हुई। श्याम शरण वैद्य, कैलाश प्रसाद जायसवाल, राम दुलारे गोंड, शिवरतन गुप्ता, विजयानंद द्विवेदी ने सराहनीय योगदान किया।