रजवाहा का तटबंध क्षतिग्रस्त, बेकार बह रहा पानी
तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। कारण नहर व माइनरों की हालत जर्जर है। सिचाई विभाग की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है। कर्मनाशा सिस्टम पर आधारित सोता
जासं, शहाबगंज (चंदौली) : तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। कारण, नहर व माइनरों की हालत जर्जर है। सिचाई विभाग की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है। कर्मनाशा सिस्टम पर आधारित सोता रजवाहा माइनर दर्जनों स्थानों पर कट जाने व झालों के जर्जर होने से किसानों को खेतों की सिचाई में मुश्किल आ रही है। झाल के ध्वस्त होने से रजवाहा से अनावश्यक पानी बह रहा है। जबकि इस समय फसलों को पानी की कोई जरूरत नहीं है। गुहार के बाद भी सिचाई अभियंता उदासीनता बने हुए हैं। इससे किसानों में रोष है।
लतीफशाह बीयर से निकली कर्मनाशा लेफ्ट नहर से संबद्ध रजवाहा के तटबंध व झाल जर्जर हो गए हैं। इससे भटरौल, करनौल, हरिपुर, सोता आदि गांवों में सिचाई को लेकर परेशानी उठानी पड़ रही है। सोता रजवाहा का दूसरा झाल जर्जर व क्षतिग्रस्त है। भभुवार गांव के पास का तटबंध टूट गया है। करीब 11 वर्ष से तटबंध क्षतिग्रस्त होने से दर्जनों गांवों के अन्नदाताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। झाल के निकट पानी बेकार बह जाता है। वर्तमान समय में सिचाई को पानी की कोई आवश्यकता नहीं होने के बावजूद रजवाहा से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। झाल मरम्मत को किसान सिचाई विभाग के अवर अभियंता से मिले। आश्वासन मिला कि झालों की मरम्मत करा दी जाएगी। लेकिन महीनों बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। किसान त्रिभुवन नारायण सिंह , अनिल सिंह, राम जीत सिंह, प्रभु चौहान, संजय चौहान , प्रेम यादव, सुभाष यादव ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।