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यात्रियों को बीमारी परोस रहा रेलवे का फूड प्लाजा

सावधान! जंक्शन का एक फूड प्लाजा रेल यात्रियों को भोजन के साथ बीमारी भी परोस रहा है। सुरक्षा मानकों के इतर खुले में रखा चावल पैकेट में भरकर बेचा जा रहा है। दर्जनभर अधिकारियों और रेल सुरक्षा तंत्र की नाक के नीचे मुनाफा बनाने का यह खेल वर्षों से बदस्तूर जारी है। प्लाजा का भोजन अवैध तरीके से ट्रेनों में भी धड़ल्ले से पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 05:00 PM (IST)
यात्रियों को बीमारी परोस रहा रेलवे का फूड प्लाजा
यात्रियों को बीमारी परोस रहा रेलवे का फूड प्लाजा

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : सावधान! जंक्शन का एक फूड प्लाजा रेल यात्रियों को भोजन के साथ बीमारी भी परोस रहा है। सुरक्षा मानकों के इतर खुले में रखा चावल पैकेट में भरकर बेचा जा रहा है। दर्जनभर अधिकारियों और रेल सुरक्षा तंत्र की नाक के नीचे मुनाफा बनाने का यह खेल वर्षों से बदस्तूर जारी है। प्लाजा का भोजन अवैध तरीके से ट्रेनों में भी धड़ल्ले से पहुंच रहा है। यह हाल तब है जब रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने को तमाम जतन कर रही है और पानी की तरह पैसा भी बहाया जा रहा है। हालांकि मंडल रेल प्रबंधक ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई की बात कही है।

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यात्री हाल के पास प्रथम तल पर संचालित फूड प्लाजा में गुरुवार को जो नजारा दिखा वह बेहद चौंकाने वाला था। खुले में टेबल की सतह पर चावल का ढेर लगा था और कर्मचारी इसे पैकेट में भर रहे थे। इस बात से बेपरवाह कि यह यात्रियों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कर्मियों में अधिकारियों की कार्रवाई का भी कोई खौफ नहीं था, जो लापरवाही के लिए मिली भरपूर छूट की तरफ इशारा कर रहा था। वैसे तो रेलवे के अधिकांश फूड स्टाल खराब भोजन बेचने को लेकर पहले से ही बदनाम हैं, अब चमक-दमक वाले फूड प्लाजा भी महकमे की किरकिरी कराने लगे हैं।

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अवैध रूप से ट्रेनों में पहुंचाया जा रहा भोजन

फूड प्लाजा अपने काउंटर से यात्रियों को भोजन वितरित करें तो इतनी गनीमत रहेगी कि कुछ ही यात्रियों का जायका बिगड़ेगा। लेकिन प्लाजा का भोजन अवैध रूप से ट्रेनों में भी पहुंचाया जा रहा है। जीआरपी और आरपीएफ की नाक के नीचे यह खेल वर्षों से जारी है। सूत्रों की माने तो फूड प्लाजा संचालक रेलवे को भारी-भरकम किराया देते हैं। यदि मानक के अनुरूप काउंटर से ही भोजन बेचें तो इसकी भरपाई मुश्किल है। मुनाफा ट्रेनों में होने वाली बिक्री से आता है। कुछ हिस्सा जिम्मेदारों को मौन रहने के लिए दे दिया जाता है। जबकि निगरानी के लिए जंक्शन पर एक दर्जन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। स्टेशन निदेशक से लेकर सीएसजी तक को कार्रवाई का अधिकार है। अवैध वेंडरिग पर कार्रवाई की जिम्मेदारी जीआरपी और आरपीएफ की है। बावजूद इसके यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों पर नकेल नहीं कस पा रही है।

वर्जन..

खुले में भोजन रखकर बेचने का मामला वाकई गंभीर है। तथ्य मिलने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पंकज सक्सेना, डीआरएम


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