मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की श्रद्धापूर्वक हुई पूजा
जागरण संवाददाता, चंदौली : चैत्र नवरात्र के चौथे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के चौथे
जागरण संवाददाता, चंदौली : चैत्र नवरात्र के चौथे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कूष्मांडा का पूजन-अर्चन किया। घरों में कलश स्थापित कर पूजन- अर्चन करने के साथ मंदिरों में भी भक्तों ने मत्था टेक मां से मनोकामना सिद्ध करने की प्रार्थना की। नगर सहित ग्रामीण अंचलों के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का रेला उमड़ने लगा था। देर रात तक मंदिरों के परिसर भक्तों के जयकारे से गूंजते रहे। नगर व गांवों के सभी देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। भोर की आरती के बाद मंदिरों के पट खुलते ही माता के जयकारे से परिसर गूंज उठा। भक्तों ने मां दुर्गा की प्रतिमा का श्रद्धापूर्वक पूजन- अर्चन किया। मंदिरों के आसपास पूजन सामग्री बेचने वालों की दुकानें सजी थीं। इन दुकानों से श्रद्धालुओं ने नारियल, चुनरी, धूप, अगरबत्ती, फल, फूल सहित अन्य सामग्री खरीद मंदिरों में पूजन-अर्चन किया। प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा- व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए थे। सुबह से ही पुरुष व महिला पुलिसकर्मी मंदिरों के आसपास भ्रमण कर सुरक्षा में लगे थे। इसके अलावा सादे वेश में भी पुलिसर्किमयों की तैनाती की गई थी।
मुगलसराय कार्यालय के अनुसार- चैत्र नवरात्र के चौथे दिन नगर व ग्रामीण अंचलों के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने घरों व मंदिरों में मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। नगर व ग्रामीण क्षेत्र मां के जयकारों से गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया।
नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने नारियल व अन्य प्रसाद चढ़ाकर पूजा अर्चना की। मंदिरों व घरों में हवन पूजन भी किया। भक्तों ने घरों में मां के चित्र के समक्ष पूजा की। व्रत रख मां की उपासना की। नगर स्थित बाजार के प्राचीन काली मंदिर, रविनगर स्थित काली मंदिर, चालीस फीट रोड स्थित गायत्री मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने हवन पूजन किया। इस दौरान मंदिरों में भजन कीर्तन भी दौर चलता रहा।
चकिया प्रतिनिधि के अनुसार- नगर व आसपास के मंदिरों में पूजन अर्चन की धूम रही। वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन घरों के अलावा श्रद्धालुओं ने मंदिरों में भी मां के कूष्मांडा स्वरूप का पूजन-अर्चन किया। प्रशासन की ओर से मंदिरों के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे।