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पुलिस के पहरे में तेनुवट गांव, आरोपित के घर पर लटका ताला

जागरण संवाददाता, चंदौली : सकलडीहा थाना क्षेत्र के तेनुवट गांव में रविवार की शाम किशोरी क

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 06:39 PM (IST)
पुलिस के पहरे में तेनुवट गांव, आरोपित के घर पर लटका ताला
पुलिस के पहरे में तेनुवट गांव, आरोपित के घर पर लटका ताला

जागरण संवाददाता, चंदौली : सकलडीहा थाना क्षेत्र के तेनुवट गांव में रविवार की शाम किशोरी के साथ छेड़खानी के मामले में सोमवार को आरोपित पक्ष के घर पर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया। दो समुदायों के बीच तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस ने गांव में डेरा जमा लिया है। गांव की गलियों व मुख्य मार्ग से आने-जाने वाले लोगों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। हांलाकि घटना के बाबत गांव में शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है। वैसे ग्रामीणों में चर्चा रही कि पूर्व में ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया होता तो घटना की परिणति ऐसी न होती।

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गांव में किशोरी व आरोपित युवक असलम अंसारी का घर आमने-सामने है। दोनों परिवारों के बीच वर्ष 2015 से ही आरोपित द्वारा किशोरी के साथ छेड़खानी को लेकर विवाद चला आ रहा है। मामले में पुलिस की ओर से आरोपित युवक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। मुकदमे में ट्रायल चल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो आरोपित पक्ष की ओर से मुकदमे में सुलह को लेकर किशोरी पक्ष पर दबाव बनाया जा रहा था। रविवार को इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में तू तू मैं मैं हुई। जब किशोरी की मां ने मना किया तो आरोपित के परिजन जबरन किशोरी को अपने घर में खींच ले गए। कुछ ही देर में बदहवास किशोरी घर से भागती हुई निकली। देखते ही देखते गांव में हल्ला हो गया। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। घटना दो समुदायों के बीच होने के कारण एक पक्ष के लोग दूसरे पक्ष पर टूट पड़े। आरोपित के घर को आग के हवाले कर दिया। वैसे आरोपित के घर में आग कैसे लगी यह बताने वाला कोई नहीं है। पुलिस की मानें तो आरोपित के परिजन खुद अपने घर में आग लगाकर पीछे के रास्ते फरार हो गए। पुलिस ने किशोरी के पिता की तहरीर पर आरोपित पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। सीओ न पहुंचते तो जाती कई जानें

रविवार की शाम तेनुवट गांव में दो समुदायों के आमने-सामने आने के बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए। सकलडीहा कोतवाली से दो किमी की दूरी पर स्थित गांव में सूचना के एक घंटे बाद यूपी 100 की पुलिस पहुंची। वहीं थाने के एसआई दो पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे थे। ग्रामीणों की भीड़ के आगे पुलिस की एक नहीं चली। लाख प्रयास के बाद भी ग्रामीण पुलिस को दरकिनार कर आरोपित के घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। संयोग रहा कि थोड़ी ही देर में सीओ सकलडीहा त्रिपुरारी पांडेय पहुंच गए और भीड़ को तितर बितर कर मामले को संभाल लिया। बताया जा रहा है कि भीड़ में किशोरी की भी जान सकती थी। वैसे ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में आरोपित युवक घर से फरार हो गया और पुलिस देखती रह गई। केबल में आग लगने से जला घर

आरोपित के घर में ग्रामीणों ने आग लगाई या परिजनों ने खुद लगाई संदेह बना हुआ है। आग की घटना के बाबत ग्रामीण मुंह खोलने को तैयार नहीं है। पुलिस की मानें तो घर के विद्युत केबल में किसी ने आग लगा दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। वैसे घर में आग तब लगी जब आरोपित के साथ परिजन फरार हो गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

तेनुवट गांव में घटना स्थल से एक किमी दूरी तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई है। कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी के जवान गांव में चक्रमण कर रहे हैं। मुख्य मार्ग पर तो चहल-पहल बनी है पर गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण अपने घरेलू काम-काज में ही लगे रहे। घटना स्थल से चंद कदम की दूरी पर स्थित अनुसूचित जाति की बस्ती में महिलाएं घर की चौखट पर मौजूद रहीं। वैसे किसी के कुछ पूछने पर वे मुंह खोलने से परहेज करती रही। पुलिस की मानें तो घटना कैसे हुई गांव का कोई भी व्यक्ति बताने को तैयार नहीं है। जहर देने का मामला संदेहास्पद

आरोपित युवक द्वारा किशोरी को जहर पिलाने का मामला संदेह के घेरे में है। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने जहर देने की घटना से इंकार किया है। पुलिस भी जहर देने की बात को झुठला रही है। ग्रामीणों की मानें तो जब किशोरी आरोपित युवक के घर से बदहवास निकली तो उसके मुंह से खून निकल रहा था। पुलिस अफसरों का कहना है कि किशोरी को मारापीटा गया था। मनबढ़ युवक की गांव में चर्चा

ग्रामीणों की मानें तो आरोपित युवक मनबढ़ किस्म का है। इस बात की चर्चा पूरे गांव में रही। उसका व उसके परिवार के लोगों का ग्रामीणों से संबंध नहीं के बराबर है। स्वयं उसके समुदाय के लोग भी मामले से कन्नी काटते नजर आए। जिसने बसाया उसी की गिरेबान पर हाथ

ग्रामीणों की मानें तो एक खास वर्ग के लोगों ने ही एक दशक पूर्व आरोपित पक्ष को अपनी जमीन देकर बसाया था। घर बसाने का खामियाजा यह हुआ कि उसने आश्रय देने वाले के ही गिरेबान पर हाथ डाल दिया।


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