पुलिस और जांच एजेंसियों में मची खलबली
वाराणसी में प्रधानमंत्री के आगमन से महज दो दिन पूर्व दुलहीपुर क्षेत्र से पांच बांग्लादेशियों के पकड़े जाने से पुलिस और प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। घटना से अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं। वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों का पकड़ा जाना बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : वाराणसी में प्रधानमंत्री के आगमन से महज दो दिन पूर्व दुलहीपुर क्षेत्र से पांच बांग्लादेशियों के पकड़े जाने से पुलिस और प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। घटना से अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं। वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों का पकड़ा जाना बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
दुलहीपुर क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने की चर्चा तो गाहे-बगाहे उठती रही है। लेकिन पुलिस महकमा और प्रशासनिक अमला इस पचड़े से खुद को दूर ही रखता है। बहरहाल जब ग्रामीणों ने पहल की तो पुलिस को भी सक्रिय होना पड़ा। पीएम के संसदीय क्षेत्र से सटे होने के चलते राज्य और अन्य बड़ी जांच एजेंसियों ने भी मामले को गंभीरता से लिया। जांच पड़ताल तेज कर दी गई। सूत्रों की मानें तो ढंग से जांच की गई तो क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जाएंगे। बहरहाल पुलिस शरणदाताओं की तलाश में जुट गई है। दस्तावेज बनवाकर जाते हैं विदेश
सूत्रों की मानें तो फरार चल रहा संदिग्ध व्यक्ति बांग्लादेशियों का फर्जी दस्तावेज बनवाता था। इसके बाद उन्हें विदेश भेजता था। इसके एवज में वह बांग्लादेशी नागरिकों से अच्छी खासी रकम भी वसूलता था। वैसे मामला क्या है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। पहेली को सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती है। बांग्लादेशी नागरिकों का हाईस्कूल का फर्जी मार्कशीट कैसे बन गया, फर्जी आधार कार्ड कैसे बनता है, कितने बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं आदि सवालों का जवाब पुलिस को ढ़ूंढ़ना है।