अंत्योदय की परिकल्पना को साकार करने का लिया संकल्प
जागरण संवाददाता चंदौली एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती के अवसर प
जागरण संवाददाता, चंदौली : एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती के अवसर पर भाजपा की ओर से बूथ स्तर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। पंडित दीनदयाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को लेकर चर्चा की गई। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
जिालध्यक्ष अभिमन्यु सिंह की अध्यक्षता में मुख्यालय स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। पंडित दीनदयाल के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक भारतीय विचारक, अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री थे। उनका जन्म 23 सितंबर 1912 को राजस्थान के जयपुर जिले में हुआ था। उन्होंने 21 सितंबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। उनके रास्ते पर पार्टी निरंतर आगे बढ़ रही है। वे हमेशा गरीबों के बारे में सोचते थे। उनकी सोच थी कि समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास होना जरूरी है। उमाशंकर सिंह, जैनेंद्र कुमार, किरण शर्मा, राकेश मिश्रा, शिवराज सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, पंकज मिश्रा, फजीहत सिंह उपस्थित थे। चकिया प्रतिनिधि के अनुसार भारतीय जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104 जयंती पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। बूथों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धानापुर प्रतिनिधि के अनुसार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास ही पंडित जी मुख्य उद्देश्य था। सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने शुक्रवार को कस्बा स्थित हनुमान मंदिर परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 104 वीं जयंती पर आयोजित गोष्ठी में उक्त बातें कहीं। बोले, पंडित जी ने अंत्योदय का सिद्धांत दिया। हर व्यक्ति सबल होगा तभी देश विश्व गुरु बनकर उभरेगा। सत्यवान मौर्या, राणा सिंह, कमलाकांत मिश्र, भागवत कुशवाहा, राधेश्याम कश्यप, प्रेम पटेल, पंकज रस्तोगी, सत्यप्रकाश मिश्रा, रमेश द्विवेदी रहे। कंदवा प्रतिनिधि के अनुसार एकात्मवाद,मानववाद के प्रणेता व प्रखर विचारक पंडित दीनदयाल को 104 वीं जयंती पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नमन किया। चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। भगवती तिवारी, हरीश सिंह, गुलाब सिंह, अक्षय सिंह, बजरंगी तिवारी, विकास तिवारी, लालबहादुर उपस्थित थे।