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एक बार जाम में फंसे तो निकलने में लगेंगे घंटों

एनएच सात पर आजादी से पहले से बना रेलवे पुलिया अब लोगों के लिए मुसीबत बन रहा है।यातायात का दबाव बढ़ा तो पुलिया सकरी पड़ गईइस कारण जाम लग जाता हैं।यह हर रोज का किस्सा बन गया है।सभी पार्टी के सांसद हुए बिधायक बने किसी ने ईस ओर ध्यान नहीं दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:46 PM (IST)
एक बार जाम में फंसे तो निकलने में लगेंगे घंटों
एक बार जाम में फंसे तो निकलने में लगेंगे घंटों

जासं, पड़ाव (चंदौली) : पड़ाव-रामनगर मार्ग स्थित संकरी पुलिया गत छह दशकों से राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। एक बार जाम में फंसे तो मिनटों का सफर तय करने में घंटों गुजर जाएंगे। हर बार चुनाव में पुलिया चौड़ीकरण का मुद्दा गरमाता है। राजनीतिक दलों के नेता व जनप्रतिनिधि सरकार बनते ही मांग पूरी करने का भरोसा भी दिलाते हैं। इससे लोगों को उम्मीद जगती है। लेकिन चुनाव बीतते ही सबकुछ पुराने ढर्रे पर आ जाता है। लोस चुनाव का बिगुल बजने के बाद क्षेत्र की जनता एक बार फिर समस्या को लेकर मुखर है। लोग पुलिया चौड़ीकरण का वादा पूरा करने वाले प्रत्याशी को वोट देने को लामबंद हो रहे हैं। जनता की उम्मीदों को पंख लगेंगे अथवा नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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पड़ाव-रामनगर मार्ग पर आजादी से पूर्व ही पुलिया का निर्माण कराया गया था। समय के साथ सड़कों पर फर्राटा भरते वाहनों की संख्या बढ़ी, लेकिन पुलिया की लंबाई-चौड़ाई में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। इसके चलते संकरी पुलिया से गुजरने के दौरान अक्सर वाहन जाम में फंसते हैं। जाम भी ऐसा कि एक बार लगा, तो जल्दी छूटना मुश्किल होता है। ऐसे में राहगीरों को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

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अतिक्रमण भी जाम का कारण

क्षेत्रीयजनों की मानें तो सकरी पुलिया के साथ मार्ग के दोनों तरफ अतिक्रमण भी जाम का बड़ा कारण है। मार्ग के दोनों तरफ ठेले-खोमचे वालों का कब्जा रहता है। वहीं सड़क के किनारे वाहन भी खड़े रहते हैं। इससे वाहनों को निकलने के लिए काफी कम जगह बचती है। इससे अक्सर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।

बोले ग्रामीण

1- श्रीप्रकाश सिंह का कहना रहा कि पड़ाव की सबसे बड़ी समस्या जाम है। पहले वाहनों की संख्या कम थी। लेकिन अब वाहनों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। इससे सकरी पुलिया के समीप अक्सर जाम लग जाता है और राहगीरों को परेशानी होती है।

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2- कन्हैया सिंह ने कहा पुलिया के पास लगने वाला जाम अब नासूर बन चुका है। जाम में फंसे लोगों को भीषण गर्मी व धूप में घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस बार उसी प्रत्याशी को वोट दिया जाएगा, जो जाम की समस्या से निजात दिला सके।

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3- आनंदस्वरूप मिश्रा का कहना है कि चुनाव के समय वोट मांगने हर दल के उम्मीदवार पुलिया को चौड़ा कराने का वादा करते हैं। लेकिन चुनाव बीतते ही अपना वादा भूल जाते हैं। इसके चलते समस्या आज तक बरकरार है। इस बार जनता प्रत्याशियों के वादों पर भरोसा नहीं करेगी।

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4- देव मौर्या ने कहा सड़कों पर वाहनों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। जबकि पुलिया आज भी अपने पुराने स्वरूप में ही है। इसके चलते भारी वाहनों के आवागमन के दौरान अक्सर जाम की स्थिति पैदा होती है।


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