तीन घंटे जाम में फंसे राहगीर, पुलिस के छूटे पसीने
स्थानीय चौराहे पर सोमवार की दोपहर एक बार फिर लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा। लगभग तीन घंटे बाद जाम समाप्त होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। जाम छुड़ाने में पुलिस के पसीने छूट गए। लोगों का कहना रहा कि जाम की समस्या अब नासूर बनती जा रही है। लोगों ने पुलिस व ट्रैफिक विभाग की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया।
जासं, पड़ाव (चंदौली) : स्थानीय चौराहे पर सोमवार की दोपहर एक बार फिर लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा। लगभग तीन घंटे बाद जाम समाप्त होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। जाम छुड़ाने में पुलिस के पसीने छूट गए। लोगों का कहना रहा कि जाम की समस्या अब नासूर बनती जा रही है। लोगों ने पुलिस व ट्रैफिक विभाग की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया।
चौराहे पर ट्रकों के कारण पीडीडीयू नगर-पड़ाव मार्ग पर भीषण जाम लग गया। लगभग तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक लगे जाम को छुड़ाने में पुलिसकर्मी पसीने से तरबतर हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पुलिस पहले से सक्रिय रहती तो जाम नहीं लगता।
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संकरी रेलवे पुलिया जाम का कारण
जनपद का प्रवेश द्वार होने के कारण यहां से होकर हल्के व भारी दोनों प्रकार के वाहनों का आवागमन होता है। यदि कभी भी कोई वाहन पुलिया के नीचे खराब हो जाए तो आवागमन ठप होने से कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है।
इसी रास्ते से होकर भारी संख्या में वाहन सोनभद्र, मिर्जापुर व अन्य जनपदों सहित बिहार व झारखंड को जाते हैं। इन वाहनों में सबसे अधिक संख्या ट्रकों की होती है।
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ट्रैफिक सिग्नल न होने से परेशानी
चौराहे से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं। वाहनों को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। व्यस्ततम चौराहा होने के बावजूद यहां न तो किसी यातायात पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है और न ही कोई ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था की गई। संकरी पुलिया से लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल के लोगों ने कई बार हस्ताक्षर अभियान भी चलाया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है।