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औषधीय फसलों से लहलहा उठेगा धान का कटोरा

औषधीय फसलों से लहलहा उठेगा धान का कटोरा

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:23 AM (IST)
औषधीय फसलों से लहलहा उठेगा धान का कटोरा
औषधीय फसलों से लहलहा उठेगा धान का कटोरा

अमित द्विवेदी, चंदौली

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घातक कोरोना वायरस को मात देने में जब अंग्रेजी दवाएं एक के बाद एक बेअसर साबित हो रही हैं, आयुर्वेदिक औषधियों ने अपने प्रभाव का लोहा मनवाया है। बहुउपयोगी गुणों से भरपूर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्टर प्रदान कर रही हैं। परिणाम से गदगद काशी हिदू विश्व विद्यालय के आयुर्वेद विभाग ने कृषि प्रधान जनपद को औषधीय फसलों की खेती के लिहाज से माडल जिला बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। तीन चरणों में खेती की योजना बनाई है। किसानों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा साथ ही पूरे देश में आयुर्वेद का डंका बजेगा। विभागाध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपनी मंशा से अवगत कराने के साथ मदद की अपेक्षा की है। तीन चरण में औषधीय फसलों की खेती

बीएचयू आयुर्वेद विभाग तीन चरणों में औषधीय फसलों की खेती की तैयारी में जुटा है। गिलोय से इसकी शुरुआत की जाएगी। चंदौली सहित वाराणसी और मीरजापुर मंडल के जिलों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में गिलोय के 20 से 25 पौधे मुफ्त वितरित किए जाएंगे। गिलोय बेल प्रजाति का पौधा है जो पेड़ों पर चढ़कर फैलता है। बिना फल वाले वृक्षों के नीचे इसे रोपित किया जाएगा। वैसे तो गिलोय कई मर्ज के इलाज में रामबाण है, लेकिन कोरोना में इसका काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो रहा है। 15 जून तक इसका वितरण करा दिया जाएगा। इसके पश्चात खेती के दूसरे चरण में बायोफेंसिग की योजना है। गांवों में काश्तकारों के खेतों की मेड़ और ग्रामीण सड़कों पर औषधीय फसलों की बाड़ लगाई जाएगी। आयुर्वेद विभाग किसानों को मेंहदी, करौंदा, अरुषा, कंतकी करंज आदि पौधे उपलब्ध कराएगा। प्रत्येक दो से तीन माह के अंतराल पर इसकी कटिग कराई जाएगी। बीज विभाग उपयोग में लेगा, जबकि किसानों को इसका मुनाफा मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ बगैर लागत किसान मालामाल होंगे। तीसरे चरण में धान रोपाई के समय कालमेघ, नागरमोथा, सुगंधा और सतावरी की खेती कराई जाएगी। किसान आधा के एक बिस्वा भूमि में इसकी खेती कर सकते हैं। अधिक से अधिक किसानों को इस अभियान से जोड़ने और जागरूक करने को प्रत्येक गांव में एक सौ किसानों का समूह बनाया जाएगा। बीएचयू का आयुर्वेद विभाग बीज इकट्ठा करने में जुट गया है। चंदौली में औषधीय खेती की काफी संभावनाएं हैं। इसे माडल जनपद के रूप में विकसित करने की योजना है। गिलोय के वितरण और औषधीय खेती के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मदद की अपेक्षा की गई है। वन विभाग, उद्यान और कृषि विभाग से सहयोग मिले तो योजना काफी कारगर साबित हो सकती है।

-यामिनी भूषण त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष आयुर्वेद विभाग बीएचयू।

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गिलोय का पौधा वितरित करने की तैयारी की जा रही है। जिलाधिकारी का निर्देश मिलते ही वितरण शुरू करा दिया जाएगा। बीएचयू आयुर्वेद विभाग का प्रयास सराहनीय है।

-पदमकांत शुक्ल, जिला विकास अधिकारी।


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