पेट्रोल में लगी आग, बुझाओ सरकार
डीजल और पेट्रोल के दामो में लगातार हो रही वृद्धि ने पब्लिक की नींद हराम कर रखी है। उन्हें समझ नही आ रहा कि सरकार इस वृद्धि पर रोक लगाने में नाकामयाब क्यों साबित हो रही है। पब्लिक का सब्र अब सरकार की तेल नीति की दलील सुनने को तैयार नहीं। उन्हें अंदेशा है कि रफ्तार यही रही तो तेलों की कीमत सैकड़ा पार करने में ज्यादा देर नही लगेगी।
जासं, सकलडीहा (चंदौली) : डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि ने पब्लिक की नींद हराम कर रखी है। उन्हें समझ नही आ रहा कि सरकार इस वृद्धि पर रोक लगाने में नाकामयाब क्यों साबित हो रही है। पब्लिक का सब्र अब सरकार की तेल नीति की दलील सुनने को तैयार नहीं। उन्हें अंदेशा है कि रफ्तार यही रही तो तेलों की कीमत सैकड़ा पार करने में ज्यादा देर नही लगेगी।
विश्व बाजार में तेल की कीमतों में इ•ा़फे का असर बाजार और आम आदमी पर साफ दिखाई दे रहा है। मरता क्या न करता की तर्ज पर लोग विवश होकर पेट्रोल पंपों की ओर मुखातिब हैं। प्रतिदिन 1 से दो रुपए की वृद्धि लोगों को तनाव में ला रही है। अंदेशा है कि लगातार वृद्धि का असर रोजमर्रा की चीजों पर न दिखने लगे। ऐसा हुआ तो सामान्य वर्ग पर कम लेकिन गरीबों के निवाले पर जरूर असर पड़ेगा। प्रदीप ¨सह व कुलदीप चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार को कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने चाहिए। समय की मांग को देखते हुए राज्य सरकारों को भी अपने टैक्स में कटौती करनी चाहिए। उद्धव नारायण व मनोज ¨सह ने कहा कि राज्य सरकारों का नैतिक कर्तव्य बनता है कि आम लोगों की परेशानी का ध्यान रखे। यदि विश्व बाजार में तेल की कीमतें बढ़ रही हैं तो वे टैक्स में कटौती कर लोगों को फौरी तौर पर राहत पहुंचाए।