आधा गिलास पानी से बुझेगी अफसरों की प्यास
अफसरों को अब आधा गिलास पानी में ही अपनी प्यास बुझानी होगी। सरकारी कार्यालयों में पानी की बर्बादी पर शासन ने सख्त रूख अख्तियार किया है। जिला प्रशासन को पत्र भेजकर जल संरक्षण को सचेत किया है। शासन का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में जल संरक्षण का समाज में साकारात्मक संदेश जाएगा। इससे लोग भी बूंद-बूंद बचाने के लिए प्रेरित होंगे।
जागरण संवाददाता, चंदौली : अफसरों को अब आधा गिलास पानी में ही अपनी प्यास बुझानी होगी। सरकारी कार्यालयों में पानी की बर्बादी पर शासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। जिला प्रशासन को पत्र भेजकर जल संरक्षण को सचेत किया है। शासन का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में जल संरक्षण का समाज में साकारात्मक संदेश जाएगा। इससे लोग भी बूंद-बूंद बचाने के लिए प्रेरित होंगे।
सरकारी कार्यालयों में रोजाना सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद होता है। अधिकारियों के पानी मांगने पर परिचारक गिलास भरकर पानी देते हैं, लेकिन अधिकारी आधा गिलास, एक अथवा दो घूंट पीकर छोड़ देते हैं। गिलास में शेष पानी नाली में बहा दिया जाता है। ज्यादा पानी पीने की वजह से बार-बार लघुशंका करते हैं। इसके चलते शौचालयों में भी पानी बर्बाद होता है। लेकिन लोगों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ाने वाले अफसरों का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। सरकारी कार्यालयों में पानी का बेजा इस्तेमाल जारी है। बढ़ते जल संकट से उबरने को शासन ने सरकारी कार्यालयों में पानी की बर्बादी पर अपनी नजर गड़ा दी है। जिलों में पत्र भेजकर अधिकारियों को प्यास लगने पर आधा गिलास पानी ही मंगाने व दफ्तर में पानी की बर्बादी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। ताकि जरूरत के हिसाब से ही पानी का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके। अधिकारियों के व्यवहार में परिवर्तन का लोगों पर भी असर पड़ेगा। दफ्तर में आने वाले फरियादियों के साथ ही आमजन भी जल संरक्षण के लिए जागरूक होंगे।
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आधी आबादी होगी सचेत
जिला प्रशासन ने जल संरक्षण के लिए गांवों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जागरूक करने की योजना बनाई है। इसके लिए ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षक तैनात होंगे। प्रशिक्षक गांव-गांव जाकर महिलाओं को जल संरक्षण को प्रेरित करेंगे। महिलाएं घर के अन्य सदस्यों को भी जागरूक करेंगी।
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वर्जन :
शासन स्तर से सरकारी कार्यालयों में जल संरक्षण के लिए निर्देश जारी किया गया है। अधिकारियों को मांगने पर आधा गिलास ही पानी मिलेगा। इससे दफ्तरों में पानी की बर्बादी रुकेगी।
पदमकांत शुक्ला, डीडीओ