अब मातृ समितियां पोषाहार पर करेंगी निगहबानी
पोषाहार वितरण की और सख्त निगरानी होगी। कागजों पर नहीं, बल्कि नौनिहालों की सेहत को धरातल पर इसका वितरण हर हाल में कार्यकर्ता को करना होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसके लिए मातृ समितियों का गठन किया जाएगा। पोषाहार की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगी। सामुदायिक कार्यक्रमों में भी उनकी हिस्सेदारी होगी। शासन ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
जासं, चकिया(चंदौली): पोषाहार वितरण की और सख्त निगरानी होगी। कागजों पर नहीं, बल्कि नौनिहालों की सेहत को धरातल पर इसका वितरण कार्यकर्ता को करना होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसके लिए मातृ समितियों का गठन किया जाएगा। पोषाहार की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी। सामुदायिक कार्यक्रमों में भी उनकी हिस्सेदारी होगी। शासन ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के पोषण में सुधार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य के मानकों को पूरा करने को अब आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों के परिवार की महिलाओं को सहभागी बनाया जाएगा। केंद्रों पर गठित समिति में एक दर्जन महिलाएं होंगी। दादी, नानी को प्राथमिकता दी जाएगी। समिति अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों के चिह्नांकन में मदद एवं कुपोषण पुनर्वास केंद्र पर होने वाले उपचार पर भी नजर रखेंगी। विभाग के मुताबिक, मातृ समिति का गठन 28 फरवरी तक हर हाल हो जाएगा।
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- ऐसे होगा समिति का गठन
समिति में ग्राम सभा की महिला सदस्य के अलावा बच्चों के परिवार के सदस्यों नामित किया जाएगा। उनकी योग्यता पर ध्यान रखा जाएगा। समिति के अध्यक्ष, सदस्यों का चयन हर साल ग्राम प्रधान की मौजूदगी में राजस्व अधिकारियों के सहयोग से मुख्य सेविका कराएंगी।
- मातृ समिति के दायित्व
- पोषाहार के स्टाफ की जांच और सत्यापन।
- सुपोषण स्वास्थ्य मेले का करेंगी आयोजन।
- अन्नप्राशन, गोदभराई, बचपन डे, किशोर, सुपोषण आदि दिवस के आयोजन में सहयोग।
- टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य शिक्षा, पोषण अभियान आदि में सहयोग। सुपोषण को लेकर विभाग संजीदा है। पोषाहार व सामुदायिक कार्यक्रमों पर निगरानी को यह कदम उठाया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर मातृ समिति के गठन की प्रक्रिया शीघ्र कराई जाएगी। सभी मुख्य सेविका व कार्यकर्ताओं को जानकारी दे दी गई है।
- सुरेश गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी।