Move to Jagran APP

डीएम साहब स्कूलों से खाली पेट लौट गए 150 बच्चे

नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम के तहत गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने वाले दो एनजीओ नौनिहालों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विडंबना यह कि बेसिक शिक्षा विभाग प्रभावशाली संस्थाओं के आगे हथियार डाल चुका है। नतीजन विद्यालयों में मनमाने तरीके से खराब गुणवत्तायुक्त भोजन परोसा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 06:14 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 06:14 PM (IST)
डीएम साहब स्कूलों से खाली पेट लौट गए 150 बच्चे
डीएम साहब स्कूलों से खाली पेट लौट गए 150 बच्चे

जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम के तहत गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने वाले दो एनजीओ नौनिहालों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे। विडंबना यह कि बेसिक शिक्षा विभाग प्रभावशाली संस्थाओं के आगे हथियार डाल चुका है। नतीजन विद्यालयों में मनमाने तरीके से खराब गुणवत्तायुक्त भोजन परोसा जा रहा। वाराणसी में पका खाना स्कूलों तक पहुंचाया जा रहा है। जबकि एनजीओ संचालकों को पूर्व में नोटिस जारी कर नगर में ही रसोई की व्यवस्था करने की सख्त हिदायत दी गई थी। लेकिन सख्ती काम न आई और शिक्षा विभाग के अफसरों को बैकफुट पर आना पड़ा। दो दिन पहले पूर्वी बाजार स्थित पूर्व माध्यमिक बालिका विद्यालय की छात्राओं में वितरित तहरी में कीड़े निकलने की घटना के बाद गुरुवार को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय चतुर्भुजपुर में प्रधानाध्यापकों ने मीनू के इतर बने बेहद खराब गुणवत्ता वाले भोजन को वापस करा दिया। 150 बच्चे स्कूलों से खाली पेट वापस घर लौट गए।

loksabha election banner

शासन से निर्धारित एमडीएम मीनू के अनुसार गुरुवार को बच्चों को रोटी और दाल दी जाती है। एनजीओ के कर्मचारी रोटी और सब्जी लेकर चतुर्भुजपुर विद्यालयों में पहुंचे। सब्जी की गुणवत्ता काफी खराब थी लिहाजा प्रधानाध्यापकों नीरुद्दीन और एखलाख अहमद ने खाने को वापस लौटा दिया। भोजन की इंतजार में थाली लेकर बैठे छात्र मायूस हो गए और भूखे ही रह गए।

नगर क्षेत्र में विद्यालय वाराणसी में रसोई

नगर क्षेत्र के 18 विद्यालयों में एमडीएम वितरण की जिम्मेदारी भदोही के और वाराणसी के एक एनजीओ को दी गई। संस्थाएं वाराणसी में बना भोजन विद्यालयों तक पहुंचाती हैं, जो कायदों के इतर है। बच्चों की सुरक्षा के ²ष्टिगत नगर क्षेत्र में ही रसोई होनी चाहिए। लेकिन एनजीओ संचालक प्रावधानों को ठेंगा दिखा रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी की नोटिस और हनक दोनों बेअसर साबित हो रही हैं। ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारी एनजीओ के विरुद्ध कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। अलबत्ता दोनों का नए सत्र के लिए नवीनीकरण कर दिया गया है। ----------------------

..वर्जन..

स्वयं सेवी संस्थाओं को नगर क्षेत्र में ही आस-पास रसोई की व्यवस्था करने को कहा गया था। एक एनजीओ ने संभवत: रसोई बना ली है। दूसरे ने एक सप्ताह का समय मांगा था, जो समाप्त हो गया है। जांच कराई जाएगी। रसोई नहीं मिली तो संस्था का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा।

भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.