मां को गर्व है अपनी डीआइजी बेटी के कोरोना योद्धा होने पर
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : सैयदराजा बाजार के व्यवसायी परिवार में मंजू जालान एक गृहिणी हैं,और उनकी बेट
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : सैयदराजा बाजार के व्यवसायी परिवार में मंजू जालान एक गृहिणी हैं,और उनकी बेटी कविता जालान उड़ीसा के राउरकेला में वेस्टर्न रेंज की डीआइजी हैं। आइपीएस बेटी ने देशसेवा के लिए खुद को अविवाहित रखा है। इसलिए मां मंजू जालान की अपनी बेटी के लिए भूमिका और बढ़ जाती है।
आइपीएस कविता जालान ने दूरभाष पर बताया कि यूं तो एक अफसर हूं लेकिन उससे पहले एक माँ की बेटी भी हूं। कोरोना के खतरे के बीच जिस तरह से दूसरे बच्चों की मां उनके लिए फिक्रमंद रहती हैं वैसी ही चिता प्रतिदिन डयूटी पर जाते समय मुझे अपनी मा की बातों में भी दिखाई देती है। ऐसे कठिन दौर में बेटी के लिए चिता करना लाजिमी है, इसलिए मेरी मां भी घबराती हैं.. होठ कांपते हैं तो लगता है कि कुछ कहना चाहती हैं लेकिन शायद यह ख्याल आते ही वह खुद को रोक लेती है कि बेटी के कंधे पर समाज का एक बड़ा फर्ज है। कुछ कहते कहते वो दिल पर पत्थर रख लेती हैं। जुबां से बस इतना निकलता है बेटी अपना ख्याल रखना। दरअसल आज मैं जो भी हूं वह मेरे मां के यकीन का ही परिणाम है। पढाई के दौरान मां ने मेरा पूरा सहयोग किया है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के दौरान जब भी मैं दबाव में होती उस दौरान मेरी मां ही मेरा सपना पूरा करने के लिए मेरे लिए फौलाद बनकर खड़ी हो जातीं। मेरी मां पढ़ी-लिखी घरेलू महिला हैं लेकिन ड्यूटी के दौरान किसी भी नाजुक मौके पर मुझे उनकी ही सलाहें काम आती हैं। मां अब भी उसी तरह चिता करती हैं। मां मंजू जालान भी अपनी बेटी से डयूटी जाते समय इतना जरूर कहती हैं, संकट के इस दौर में देश को तुम्हारी जरूरत है। ऐसे दौर में हर दिन तुम्हारा इम्तिहान है, अपना फर्ज शिद्दत से निभाना लेकिन यह भी याद रखना कि तुम भी किसी मां के ही दिल के टुकड़े हो।