दुग्ध उत्पादन समिति भवन बदहाल
रामशाला गांव में ढाई दशक पूर्व बना दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। समिति द्वारा पशुपालकों से दूध उचित मूल्य पर खरीदा जाता था।इससे पशुपालकों को भी सहूलियत मिलती थी।दुधारू पशुओं के बाबत पशुपालकों को समय-समय पर प्रेरित किया जाता था। पशुओं मे होने वाले रोग की रोकथाम के लिए उपाय भी बताए जाते थे।
जागरण संवाददाता, इलिया (चंदौली) : रामशाला गांव में ढाई दशक पूर्व बना दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति का भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। समिति द्वारा पशुपालकों से उचित मूल्य पर दूध खरीदा जाता था। इससे पशुपालकों को भी सहूलियत मिलती थी। दुधारू पशुओं के बाबत पशुपालकों को समय-समय पर प्रेरित किया जाता था। पशुओं में होने वाले रोग की रोकथाम के लिए उपाय भी बताए जाते थे।
दुग्ध उत्पादन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने 20 मार्च 1993 को भवन का लोकार्पण कर समिति का संचालन प्रारंभ करा दिया। उसके बाद से ही लोग इस केंद्र पर दुग्ध पहुंचाते थे। लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चला, कुछ ही वर्षों बाद यह केंद्र बंद हो गया। तभी से केंद्र भवन अवांछनीय लोगों का कब्जा बना हुआ है। केंद्र के बाहर उपली व पशुओं को बांधा जा रहा है। भवन को देखने से स्पष्ट होता है कि इसका रखरखाव करने वाला भी अब कोई नहीं है। ग्रामीणों ने पुन: दुग्ध उत्पादन समिति को चालू करने की मांग की है।