वाह! सामूहिक विवाह में अब शादीशुदा की भी शादी
सरकार गरीब बेटियों के हाथ पीले करने को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित कर रही है। लेकिन भ्रष्ट तंत्र शासन की मंशा को पतीला लगाने का काम कर रहा। समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजी गई सदर ब्लाक के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के पात्रों की सूची में 75 पहले से शादीशुदा मिले। मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों में खलबली मच गई है। हालांकि समय रहते अनियमितता पकड़े जाने से अफसर राहत में हैं। वरना लाभार्थियों के खाते में पैसा जाने के बाद रिकवरी करना टेढ़ी खीर साबित होता
जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकार गरीब बेटियों के हाथ पीले करने को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित कर रही लेकिन भ्रष्ट तंत्र शासन की मंशा को पतीला लगाने का काम कर रहा। समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजी गई सदर ब्लाक के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के पात्रों की सूची में 75 पहले से शादीशुदा मिले। मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों में खलबली मच गई है। हालांकि समय रहते अनियमितता पकड़े जाने से अफसर राहत में हैं। वरना लाभार्थियों के खाते में पैसा जाने के बाद रिकवरी करना टेढ़ी खीर साबित होता।
समाज कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 121 पात्रों का चयन किया गया है। विभाग की ओर से ब्लाक प्रशासन को पात्रों की सूची सौंपी गई। साथ ही आश्वस्त किया गया था कि पात्रता का सत्यापन करने के बाद सूची तैयार कराई गई है। लेकिन सदर बीडीओ एमपी चौबे ने अधिकारियों की टीम गठित कर अपने स्तर से दोबारा सत्यापन कराया तो सूची में शामिल 100 में 75 शादीशुदा मिले। किसी की एक वर्ष पूर्व तो किसी ने छह माह पहले ही शादी कर ली है। फिर भी 51 हजार रुपये अनुदान के लिए योजना के तहत आवेदन कर दिया। समाज कल्याण विभाग की ओर से गहनता से जांच किए बगैर ही रिपोर्ट आगे बढ़ा दी। इसमें अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत को लेकर भी आशंका जाहिर की जा रही है। बहरहाल गड़बड़ी सामने आने के बाद अधिकारी सकते में हैं। अभी 21 पात्रों की जांच शेष है। अगले एक-दो दिनों में जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि इनमें कितने अपात्र मिले। जिला प्रशासन नहीं कर सका है रिकवरी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अपात्रों के मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी शादीशुदा लोगों ने योजना के तहत शादी कर अनुदान अपने खाते में भेजवा लिया। मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन ने रिकवरी की कार्रवाई शुरू की लेकिन अभी तक दर्जनों अपात्रों से पैसा वापस नहीं कराया जा सका है।
समाज कल्याण विभाग की ओर से 121 पात्रों की सूची सौंपी गई है। पात्रों के सत्यापन के दौरान 75 पहले से शादीशुदा पाए गए। इसके बाबत रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। उनके निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एमपी चौबे, सदर बीडीओ