..तो सौभाग्य से बिगड़ सकता विद्युत विभाग का भाग्य
सौभाग्य योजना के तहत रेवड़ी की तरफ बांटे जा रहे कनेक्शन आने वाले समय में विद्युत विभाग का भाग्य बिगाड़ सकते हैं। दरअसल, बिल जमा न होने से विभाग पर बकायेदारी का भार बढ़ता जा रहा है। करोड़ों रुपये की बकायेदारी की वसूली के लिए इंजीनियर अभियान तो चलाते हैं। लेकिन, योजना के कनेक्शनों पर हो रहा बकाया उनके लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।
जासं, चकिया(चंदौली): सौभाग्य योजना के तहत रेवड़ी की तरफ बांटे जा रहे कनेक्शन आने वाले समय में विद्युत विभाग का भाग्य बिगाड़ सकते हैं। दरअसल, बिल जमा न होने से विभाग पर बकायेदारी का भार बढ़ता जा रहा है। करोड़ों रुपये की बकायेदारी की वसूली को इंजीनियर अभियान तो चलाते हैं। लेकिन, योजना के कनेक्शनों पर हो रहा बकाया उनके लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।
सौभाग्य योजना हर घर को बिजली देने की केंद्र सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए लाई गई। विभाग के मुताबिक, विद्युत वितरण खंड प्रथम को 1.65 लाख कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य मिला। लगातार प्रयास के बाद लक्ष्य के सापेक्ष अब तक करीब 30 हजार कनेक्शन बांट दिए गए हैं। इन कनेक्शन धारकों द्वारा बिजली बिल का बकाया जमा नहीं किया जा रहा। अभियान के दौरान कनेक्शन विच्छेदन या मुकदमा दर्ज कराने पर ही बकायेदारों की तंद्रा टूट रही।
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'बिजली बिल के बकायेदारी की वसूली को विभाग गंभीर है। विभाग एवं प्रवर्तन दल की छापेमार कार्रवाई से काफी हद तक बिजली चोरी रुकी है। बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया अब आसान हो गई है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे समय से बिल का भुगतान कर दें।'
घनश्याम प्रसाद, अवर अभियंता