Move to Jagran APP

निर्वाचन आयोग ने तलब की अधिकारियों की सूची

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनपद में गत तीन-चार वर्ष से जमें अधिकारियों की सूची तलब की है। वहीं विधानसभा चुनाव के बाद जनपद में अफसरों के स्थानांतरण व तैनाती के सम्बंध में ब्यौरा मांगा है। आयोग के फरमान के बाद जिला प्रशासन रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। इससे जिले में जड़ जमाए अधिकारियों पर तलवार लटकती नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 09:46 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:46 PM (IST)
निर्वाचन आयोग ने तलब की अधिकारियों की सूची
निर्वाचन आयोग ने तलब की अधिकारियों की सूची

जागरण संवाददाता, चंदौली : निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनपद में गत तीन-चार वर्ष से जमे अधिकारियों की सूची तलब की है। वहीं विधानसभा चुनाव के बाद जनपद में अफसरों के स्थानांतरण व तैनाती के संबंध में ब्योरा मांगा है। आयोग के फरमान के बाद जिला प्रशासन रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। इससे जिले में जड़ जमाए अधिकारियों पर तलवार लटकती नजर आ रही है।

loksabha election banner

आयोग के निर्देश के बाद उपायुक्त ग्राम्य विकास अजीत कुमार श्रीवास्तव ने सीडीओ को पत्र भेजा है। इसमें जनपद में पिछले तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों की सूची मांगी गई है। इसमें सीडीओ, डीडीओ, पीडी सहित महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अफसरों की पदवार भेजनी होगी। विधानसभा चुनाव के बाद जिले में अधिकारियों के स्थानांतरण व तैनाती के बारे में भी रिपोर्ट भी तलब की है। शासन से निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा गया है। ताकि आयोग को भेजा जा सके। शासन का फरमान मिलने के बाद जिला प्रशासन अफसरों की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। चुनाव में अधिकारियों द्वारा पक्षपात की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं। इसको लेकर आयोग ने सख्त रूख अख्तियार किया है। अब आयोग के निर्देश पर पिछले काफी दिनों से एक ही जिले में मलाई काट रहे अफसरों का स्थानांतरण तय माना जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.