विसंगतियों के खिलाफ लेखपाल लामबंद
लेखपाल संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर लेखपालों ने सोमवार से अनिश्चित कालीन कलम बंद बहिष्कार शुरू कर दिया है। इस दौरान लेखपालों ने मांगे पूरा होने तक तहसील मुख्यालय पर तीन दिन धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इसके बाद 13 से 26 दिसम्बर तक जिला मुख्यालय और 27 दिसम्बर को विधान सभा का घेराव करने की बात कही है।
जासं, चकिया/नौगढ़ (चंदौली) : आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने मंगलवार को तहसील परिसर में धरना दिया। संघ के अध्यक्ष संदीप कुमार चौबे ने कहा लंबे समय से लेखपाल ग्रेड पे स्केल बढ़ाने, एसीपी विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। चेतावनी दी कि शासन मांगों पर विचार नहीं करता तो लेखपाल संघ उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। धरना से दूरदराज से आए काश्तकारों व अन्य लोगों को बगैर काम कराए ही वापस लौटना पड़ा। सुशील सिंह, सुशांत सिंह, सुरेंद्र कुमार मौर्य, प्रभाकर विश्वकर्मा , अजय मिश्रा, अभिषेक शुक्ला आदि लेखपाल उपस्थित थे। सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार लेखपाल संघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर लेखपालों ने धरना दिया। 13 से 26 दिसंबर तक जिला मुख्यालय और 27 को विधान सभा का घेराव करने की बात कही। आरोप लगाया कि सरकार ब्रिटिश सरकार के समय से चले आ रहे नियमों का पालन कर रही है, जबकि मौजूदा समय में 100 रुपया प्रतिमाह में यात्रा भत्ता और स्टेशनरी खर्च चलाना संभव नही है। जिला मंत्री रामकेश यादव, चंदन यादव, केहर सिंह, वंदना, कामायनी श्रीवास्तव, पूजा वर्मा, प्रियंका गुप्ता आदि लेखपाल उपस्थित थे।
नियामताबाद प्रतिनिधि के अनुसार एसीपी, वेतन व पेंशन विसंगति आदि मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की पीडीडीयू नगर तहसील इकाई के सदस्यों ने तहसील में धरना दिया। कहा कि सात हजार से अधिक लेखपालों के पद खाली हैं, जिसे सरकार भरने की व्यवस्था नहीं कर रही है। लेखपाल का पदनाम बदलकर राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए। धरना देने वालों में तहसील अध्यक्ष इंद्रप्रकाश मिश्रा, सियाराम, भोला, श्यामसुंदर, सलमान खान, अंजू सचान, मनीष मौर्या आदि शामिल थे।