लौकी ने बनाया लखपति, केसरी बने मिसाल
जागरण संवाददाता, चंदौली : शहर पलायन करने को बेताब ग्रामीण युवाओं के लिए अधेड़ उम्र केसर
जागरण संवाददाता, चंदौली : शहर पलायन करने को बेताब ग्रामीण युवाओं के लिए अधेड़ उम्र केसरी नजीर बने हैं। सात बिस्वा भूमि में सब्जी की खेती ने उन्हें मालामाल कर दिया। लौकी ने लखपति बनाया तो रही सही कसर बैगन एवं ब्रोकली की खेती ने पूरी कर दी। आधा दर्जन लोगों का परिवार होने के बावजूद कभी कभार शौकिया ही बच्चे खेतों का ओर रुख कर पाते थे, लेकिन खेती से निकलती तरक्की की राह युवाओं को खेतों की ओर खींच रही है। मिनी महानगर मुगलसराय से चार किमी दूर बसे सहजौर गांव को उन्नत समझा जाता है। गांव की खासियत के पीछे निकट से गुजरी मां का गंगा का अशीर्वाद है। यहां की भूमि इतनी उपजाऊ की खेतों में बीज छिड़क दीजिए तो भी रोटी की कमी नहीं होगी। उपजाऊ भूमि में थोड़ा मशक्कत का तड़का पड़ा तो समझिए कि खेत से फसल के रूप में सोना ही निकलेगा। ऐसा ही महसूस कर रहे सहजौर गांव के केसरी नंदन ¨सह। उम्र का साठ बसंत देख चुके केसरी के खेत ने उनके परिवार को तरक्की की राह दिखा दी। बताते हैं कि खेती की ¨चता हम करेंगे तो निश्चित ही धरती मां हमारा फिक्र करेंगी। बोले कि लौकी की खेती ने हमें लखपति बना दिया। एक सवाल के जवाब में बोले मौसम की चाल समझते खेती शुरू कीजिए। फसल कोई भी हो शुरुआत में बाजार पहुंचने पर दाम की फिक्र खरीददार नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रोकली का भाव बाजार में कभी कमजोर नहीं पड़ता है। उनकी देखा-देखी सहजौर गांव में गंगा के तीरे हरियाली लौट आई है।