Move to Jagran APP

लोक गीतों पर झूम उठे श्रोता

दुर्गावती स्थित कुलेश्वरी महोत्सव में कलाकारों ने गीत गजल की प्रस्तुति कर समा बांध दिया। नजर लागी रजा तेरे बंगले पर सुन श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। शाम-ए-गजल का यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा और पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। सूफी गायिका कुसुम पांडे ने तोहरो मरद कप्तान हो हमरों किसनवा। एक प्रेम दिवानी एक दरश दिवानी एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा पेश की तो श्रोता उसमें डूब गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 05:20 PM (IST)
लोक गीतों पर झूम उठे श्रोता
लोक गीतों पर झूम उठे श्रोता

जासं, चंदौली : दुर्गावती स्थित कुलेश्वरी महोत्सव में कलाकारों ने गीत, गजल की प्रस्तुति कर समा बांध दिया। श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। शाम-ए-गजल का यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा और पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।

loksabha election banner

सूफी गायिका कुसुम पांडे ने तोहरो मरद कप्तान हो हमरों, किसनवा। एक प्रेम दिवानी एक दरश दिवानी, एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा पेश की तो श्रोता उसमें डूब गए। डाक्टर विजय कपूर ने मंच पर आते ही आप जिनके करीब होते हैं.. गजल से शुरूआत की। गायकों ने मां के चरणों में ठुमरी, चैती और दादरा के रंग सजाए। राग वैरागी में सुर छेड़े और विलंबित मध्य लय व द्रुत में विभिन्न बंदिशें प्रस्तुत कीं। निर्गुण सम्राट मदन राय ने मंच संभाला तो भोजपुरी मिठास घोल दी और फेंक दिहले थरिया बलम गइले झरिया, कौने खोतवा में लुकइलू आहि रे बालम चिरई गीत से तालियां बजाने पर विवश कर दिया। कत्थक नृत्यांगना मंडे वीसी ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी तो तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंजायमान हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.