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कब्रिस्तानों में खाकी का पहरा, शब-ए-बरात पर घर में पढ़ी फातिहा

कब्रिस्तानों में खाकी का पहरा शब-ए-बारात पर घर में पढ़ा फातिहा

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 10:54 PM (IST)
कब्रिस्तानों में खाकी का पहरा, शब-ए-बरात पर घर में पढ़ी फातिहा
कब्रिस्तानों में खाकी का पहरा, शब-ए-बरात पर घर में पढ़ी फातिहा

जागरण संवाददाता, चंदौली : मुस्लिम समुदाय की ओर से गुरुवार को शब-ए-बरात पर कब्रिस्तानों के बजाय घरों में ही इबादत की गई। इसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। कब्रिस्तानों में खाकी का पहरा रहा। इसके चलते लोगों ने घरों में ही फातिहा पढ़ी। वहीं पूर्वजों की याद में चिरांगा व इबादत किया। घरों में ही निशान-ए-कब्र बनाकर पुष्प अर्पित किए।

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इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने की चौदहवीं को अकीतदतमंदों ने पूर्वजों की याद में इबादत की। कोरोना के संक्रमण के चलते पूरे देश मे लॉकडाउन की वजह से मुस्लिम बंधुओं ने कब्रिस्तान, मस्जिद व मजारों पर ना जाकर घर पर ही धार्मिक कार्य किए। पूर्वजों की याद में मोमबत्तियां जलाईं। पूरी रात घर में इबादत कर दुआएं मांगी। सैयदराजा प्रतिनिधि के अनुसार लॉकडाउन के कारण सभी धार्मिक कार्यों पर रोक है। इसके चलते नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बरात घरों में ही अकीदत के साथ मनाया। कब्रिस्तानों में जाने पर पाबंदी की वजह से घर में फातिहा पढ़ा। वहीं देर शाम घरों में रोमी चिराग रोशन किए। इसका दौर पूरी रात चलता रहा। मस्जिद, मजार व कब्रिस्तानों में पुलिस का पहरा रहा। पुलिस ने दो दिन पहले ही लोगों से घर में अपने कार्यक्रम करने की अपील की थी। वहीं उलेमाओं व धर्मगुरुओं ने भी लोगों को घर में सारे कार्यों को प्रेरित किया था।


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