जनकपुर माइनर बेपानी, किसानों को परेशानी
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर भले ही गंभीर हो लेकिन सरकारी मुलाजिमों की अनदेखी के चलते ऐसा होना असंभव देख रहा। 21वीं सदी में भी किसान सिचाई खाद बीज वाह कीटनाशक के लिए हाल परेशान हैं। सिचाई सिस्टम बदहाल हैं। इलाके की कुछ माइनरें झाड़ झंखाड़ से पट गई हैं। इनमें नाममात्र का पानी भी वर्षों से नहीं आता है। जनकपुर माइनर इसका उदाहरण है।
जासं, इलिया (चंदौली) : सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर भले ही गंभीर हो लेकिन, सरकारी मुलाजिमों की अनदेखी के चलते ऐसा होना असंभव दिख रहा। 21वीं सदी में भी किसान सिचाई, खाद, बीज कीटनाशक के लिए परेशान हैं। सिचाई सिस्टम बदहाल हैं। इलाके की कुछ माइनरें झाड़ झंखाड़ से पट गई हैं। इनमें नाम मात्र का पानी भी वर्षों से नहीं आता है। जनकपुर माइनर इसका उदाहरण है।
माइनर से सैकड़ों एकड़ खेतों की सिचाई होती है। माइनर जर्जर होने के कारण कई वर्षों से पानी नहीं आ रहा है। दशा यह कि माइनर झाड़-झंखाड़ से पट गई है। इससे इलाकाई किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। जिन किसानों के पास निजी संसाधन बोरिग डीजल इंजन नहीं है। उनके सामने धान की सिचाई को लेकर चिता सताने लगी है। माइनर से सिचाई की आस लगाए किसानों की उम्मीदें अबकी भी काफूर होना तय है। कई वर्षों से माइनर मे पानी न आने के चलते इस वर्ष भी फसल सूख सकती है। पीक आवर में माइनर की सफाई नहीं होने किसानों के सामने सिचाई की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। आरोप कि कई बार शिकायत के बाद भी सिचाई विभाग इसकी सफाई कराने पर ध्यान नहीं दे रहा। पानी के अभाव में फसलें सूखने से किसानों को क्षति उठानी पड़ती है। किसान कपिलदेव सिंह, नंदलाल सिंह, लालजी सिंह, संजय यादव ने बताया जनकपुर माइनर की सफाई के बाबत शासन से लेकर प्रशासन तक दौड़ लगाया गया लेकिन, आज तक विभाग की दृष्टि इस माइनर पर नहीं पड़ी। किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।