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अनियमित बिजली कटौती से मचा हाहाकार

जासं, सकलडीहा (चंदौली) : पिछले एक सप्ताह से कस्बा सहित सैकड़ों गांवों में अनियमित बिजली क

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 05:12 PM (IST)
अनियमित बिजली कटौती से मचा हाहाकार
अनियमित बिजली कटौती से मचा हाहाकार

जासं, सकलडीहा (चंदौली) : पिछले एक सप्ताह से कस्बा सहित सैकड़ों गांवों में अनियमित बिजली कटौती को लेकर आमजन त्राहि- त्राहि कर उठा है। बिजली की बाबत जलनिगम पर आश्रित अधिकांश आबादी बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रही है। अधिकारियों की निष्क्रियता व लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी है। उनपर समस्याओं से जूझ रही जनता की मुसीबतों का कोई असर नही दिख रहा है।

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मौजूदा समय में इलाकाई लोग बिजली, पानी व सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से विरत हैं। समस्याओं से तंग जनता ने पिछले चुनाव में सपा को नकारते हुए भाजपा को जनादेश देकर सत्ता की चाबी सौंपी थी। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी मूलभूत सुविधाओं को लेकर लापरवाह हैं। गर्मी के पहले समस्याओं को लेकर पूर्वाभ्यास नहीं किया गया। पोल व तार जर्जर ही रहे, उन्हें समय रहते बदला ही नहीं गया। अब बरसात नजदीक है। अधिकांश नहरें बेपानी व तटबंध क्षतिग्रस्त हैं। झाड़- झंखाड़ से पटी नहरों में टेल तक पानी पहुंचने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती। कस्बों व गांवों की नालियां गंदगी से जाम हैं। पंचायत विभाग कुंभकर्णी नींद में सो रहा है। ऐसे में कोई संदेह नहीं कि बरसात के प्रारंभिक दौर में ही कस्बा व गंवई इलाकों की गलियां जलजमाव की समस्या से जूझती नजर आएंगी। लोगों का कहना है कि सच तो यह कि सरकार बदली है, अधिकारी नहीं। अधिकारी इतने निरंकुश व लापरवाह हैं, जैसे वे विपक्ष के एजेंट की भूमिका में हों। स्थानीय विधायक ही नहीं, प्रदेश के मंत्रियों के आदेशों को अनसुना करने से भी उन्हें गुरेज नहीं है। क्षेत्र के उद्धवनारायण उपाध्याय, अविरलजगत चतुर्वेदी, कुलदीप चौधरी व मनोज ¨सह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की असंवेदनशीलता जनता की परेशानी बन गई है।


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