फसल बर्बाद होने पर बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति की करेगी भरपाई
फसल बर्बाद होने पर बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति की करेगी भरपाई
जागरण संवाददाता, चंदौली : रबी फसलों की कटाई में मौसम खलल डाल रहा है। बारिश के चलते खेतों में काटकर रखा गेहूं का बोझ व खलिहान में रखा अनाज भीगकर नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए कृषि विभाग ने पहल की है। बीमा कंपनियों को बर्बाद फसल का सर्वेक्षण कर नुकसान की भरपाई करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विभाग के कर्मचारी व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि फसल बर्बादी का सर्वेक्षण करेंगे। मौसम विभाग ने एक मई तक रुक-रुक कर बारिश व ओले गिरने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
अप्रैल के दूसरे पखवारे में मौसम खेती-किसानी के लिए प्रतिकूल बना हुआ है। एक-दो दिन के अंतराल मे रुक-रुक कर हल्की बारिश व कई स्थानों पर ओले गिरे। इससे गेहूं की फसलों की कटाई व मड़ाई का काम बाधित हो रहा है। वहीं कई स्थानों पर गेहूं के बोझ व खलिहान में रखा अनाज भीगने की वजह से नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आने-वाले दिनों में बारिश व ओलावृष्टि की आशंका जताई है। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों की मदद के लिए कवायद शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसलों की बर्बादी पर अन्नदाताओं को बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति देगी। फसल बर्बादी के सर्वेक्षण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के अफसर-कर्मी गांव-गांव जाकर पड़ताल करेंगे। हालांकि किसानों को काटकर रखी गई फसल अथवा अनाज नष्ट होने पर ही बीमा कंपनी नियमों के तहत क्षतिपूर्ति देगी। खेत में खड़ी फसल बर्बाद होने पर मुआवजा नहीं मिलेगा। बीमा कंपनियां जारी करेंगी टोल फ्री नंबर
बीमा कंपनियों की ओर से टोलफ्री नंबर जारी किया जाएगा। किसान उक्त नंबरों पर फोनकर फसल बर्बादी का सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा कृषि उपनिदेशक कार्यालय में संपर्क कर प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। फसल का सर्वे करने के बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद किसानों के बैंक खाते में क्षतिपूर्ति पहुंचेगी। मौसम विभाग ने एक मई तक रुक-रुक कर हल्की बारिश व ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में किसान जल्द गेहूं की कटाई व मड़ाई का कार्य पूरा कर लें। काटकर रखी गई गेहूं की फसल बर्बाद होने पर किसानों को बीमा कंपनियों की ओर से नियमानुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी।
-अमित जायसवाल, उपनिदेशक, कृषि।