गांव में फैलने लगी संक्रामक बीमारियां
यह सीजन डायरिया बुखार सर्दी जुकाम के लिए औवल माना जाता हैं।इसमें थोड़ी असावधानी हुई ।लोग इन रोगों के चपेट में आ जाते हैं ।जिससे सही इलाज नही मिला तो उनके जान पर तक बन आती है। इसमें जितना कमी मरीज व उनके परिजनो की होती हैं। उससे ज्यादा कमी जिम्मेदारान शासन व स्वास्थ्य विभाग के लोगों की होती है।
जागरण संवाददाता, बरहनी (चंदौली ): मौसम परिवर्तन के बाद बीमारियों का प्रकोप शुरू हो गया। इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी धन की बंदरबांट की जा रही है। इसके लिए आखिरकार कौन जिम्मेदार है। अगर थोड़ी भी सावधानी स्वास्थ्य महकमा बरते तो मौसमी बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकता है। वहीं विभाग की मानें तो गांवों में दवा और ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के लिए सभी प्रधानों व एएनएम के संयुक्त खाते में दस हजार रुपये भेज दिया गया। इसके बाद भी कहीं दवा और ब्ली¨चग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।
विकास खंड बरहनी के 39 एएनएम सेंटर स्थापित हैं। इसके 16 सेंटर एएनएम विहीन हैं। गांवों में संक्रामक रोगों के रोकथाम के लिए शासन की ओर से ग्राम प्रधान व एएनएम के खाते में दस हजार रुपये का ब्ली¨चग पाउडर छिड़काव व क्लोरिन की गोली एवं अन्य दवाएं जरूर वितरण के दिया जाता है। वहीं कई केंद्र ऐसे हैं जहां गरीबों के इलाज के लिए खोला गया है। लेकिन न तो दवाओं का छिड़काव गांव में हो रहा है और न तो गरीबों का केंद्र से इलाज हो पा रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बरहनी सूर्य प्रकाश ने बताया लोगों में जागरूकता की कमी ताजा भोजन, पानी उबालकर नहीं पीते। चिकित्सा अधिकारी बरहनी डा. रितेश कुमार ने कहा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मी जिम्मेदारी दी गई है। गांवों में क्लोरिन गोली, ब्ली¨चग पाउडर सहित दवाएं देने को कहा गया है। इसकी शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।