कुछ जयचंदों व जाकड़ों से भारत शर्मिंदा है..
बघेली गांव स्थित पोखरा पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन बुधवार की रात्रि को किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व प्रधानाचार्य रियाकत अली व समाजसेवी रामध्वजा ¨सह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
जागरण संवाददाता, बबुरी (चंदौली): बघेली गांव स्थित पोखरा पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन बुधवार की रात हुआ। कवि सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व प्रधानाचार्य रियाकत अली व समाजसेवी रामध्वजा ¨सह ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत मीरजापुर की कवियित्री पूनम श्रीवास्तव ने मां सरस्वती वंदना से किया। पंकज प्रखर में आतताइओं पर प्रहार करते कहा कि कुछ जयचंदों और जाकड़ों से भारत शर्मिंदा हैं, भूल न जाना इस धरती वीर हमीद भी ¨जदा है...। नागेश सान्डिल्य ने वर्तमान परिवेश पर फोकस करते हुए कहा कि अरे अब तो आधुनिक माताएं जीरो फिगर के चक्कर में अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराना छोड़ रहीं, इसलिए आज की पीढि़यां दूध के कसमों को भी तोड़ रही हैं। मनोज द्विवेदी मधुर ने मां दुर्गा व वर्तमान परिवेश के गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। मनमोहन मिश्र ने गीत के माध्यम से मोहब्बत को परिभाषित किया। इमरान बनारसी ने गजल प्रस्तुत कर लोगों को सोचने समझने पर विवश कर दिया। सम्मेलन की अध्यक्षता नगीना ¨सह संचालन शंकर कैमूरी व धन्यवाद ज्ञापन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष गिरधारी नाथ जायसवाल ने दिया।