इज्जत घर के निर्माण में मानक की अनदेखी
गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव बनाने की मुहिम सफलता की डोर नहीं पकड़ पा रही है। गांवों में इज्जत घर के निर्माण में धन की बंदरबाट हो रही है। चंद महीने बाद ही इज्जत घर बेकार हो जा रहे हैं। विकास खंड के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में योजना के तहत 70 से 150 शौचालयों का निर्माण किया गया। योजना का धन लाभार्थी के खाते में न भेजकर ग्राम पंचायत के खाते में भेज दिया गया। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि मनमानी पर उतारू हो गए। जमुआ सोता कुदरा डूही राम लक्ष्मणपुर
जासं, चकिया (चंदौली) : गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव बनाने की मुहिम सफलता की डोर नहीं पकड़ पा रही है। गांवों में इज्जत घर के निर्माण में धन की बंदरबाट हो रही है। चंद महीने बाद ही इज्जत घर बेकार हो जा रहे हैं।
विकास खंड के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में योजना के तहत 70 से 150 शौचालयों का निर्माण किया गया। योजना का धन लाभार्थी के खाते में न भेजकर ग्राम पंचायत के खाते में भेज दिया गया। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि मनमानी पर उतारू हो गए। जमुआ, सोता, कुदरा, डूही, राम लक्ष्मणपुर समेत दर्जनों ग्राम पंचायतों में इज्जत घर की हवा निकल चुकी है। शौचालय निष्यप्रयोज्य हो गए हैं। इज्जत घर में प्रयुक्त ईंट, बालू का प्रयोग दोयम दर्जे का किया गया है।
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वर्जन
इज्जत घर निर्माण में धन के बंदरबांट सहित मानक की अनदेखी करने की शिकायत पर टीम गठित कर जांच कराई जा रही है। शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं है और पुन: शिकायत करता है तो खुद जांच कर आवश्यक कार्रवाई की करेंगे।
ब्रह्मचारी दुबे, डीपीआरओ