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एपिक रेसियो बिगड़ा तो नपेंगे बीएलओ, पुनरीक्षण पर नजर

जागरण संवाददाता चंदौली मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान आबादी के लिहाज से एपिक रेसियो के

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:10 AM (IST)
एपिक रेसियो बिगड़ा तो नपेंगे बीएलओ, पुनरीक्षण पर नजर
एपिक रेसियो बिगड़ा तो नपेंगे बीएलओ, पुनरीक्षण पर नजर

जागरण संवाददाता, चंदौली : मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान आबादी के लिहाज से एपिक रेसियो के मानक से अधिक मतदाता बने, तो बीएलओ की जवाबदेही होगी। अधिकारियों की नजर मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर है। पर्यवेक्षकों के जरिए बीएलओ के कार्यों की समीक्षा की जा रही है। राजस्व व निर्वाचन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में यदि लापरवाही उजागर हुई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। जिले में 917 बीएलओ घर-घर जाकर नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल कर रहे हैं। वहीं मृतकों, शिफ्टेड व पलायन कर चुके लोगों के नाम सूची से काट रहे हैं। इस दौरान एपिक रेसियो का ध्यान रखना जरूरी होगी। गाइडलाइन के अनुसार आबादी के सापेक्ष 70 फीसद से अधिक मतदाता नहीं बनाए जा सकते हैं। लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव में मतदाता बनने के लिए ग्रामीणों में मारामारी रहती है। संभावित उम्मीदवार भी अपने पक्ष के लोगों का नाम सूची में डलवाने की भरपूर कोशिश करते हैं। कई मतदाताओं के नाम दो-दो स्थान पर सूची में दर्ज रहते हैं। इसके चलते कभी-कभी एपिक रेसियो का मानक ध्वस्त हो जाता है। आबादी के अनुपात में 80 से 85 फीसद तक मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज हो जाते हैं। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार सख्त रूख अख्तियार किया है। मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान एपिक रेसियो का मानक ध्वस्त हुआ, तो बीएलओ की खैर नहीं। 12 नवंबर तक नामावली पुनरीक्षण की प्रक्रिया चलेगी। 15 नवंबर के बाद लोग दावा और आपत्ति दाखिल करेंगे। इसका निस्तारण करने के बाद सूची में नाम शामिल किया जाएगा। वहीं नाम काटे भी जाएंगे।

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102 पर्यवेक्षक कर रहे निगरानी

बीएलओ के कार्यों की मानीटरिग करने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर 102 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। पर्यवेक्षक बीएलओ के कार्यों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं। सूची पुनरीक्षण को लेकर ग्रामीणों की शिकायत को लेकर भी जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। सूची पुनरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले कई बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है।

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वर्जन :

' मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही है। एपिक रेसियो का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आबादी के सापेक्ष अधिकतम 70 फीसद ही मतदाता ही बनाए जा सकते हैं। इससे अधिक संख्या बढ़ने पर बीएलओ कार्रवाई की जद में आ जाएंगे।

कैलाश यादव, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी


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