कैसे मिलेगा पानी, हैंडपंपों की खत्म कहानी
लोकसभा चुनाव न होता तो यह गर्मी भी विद्यालयों के हैंडपंपों को ठीक कराने में गुजर जाती और हैंडपंप भी ठीक न होते। साल दर साल पेयजल को विभाग यही करता आया है।
जागरण संवाददाता, चंदौली : लोकसभा चुनाव न होता तो यह गर्मी भी विद्यालयों के हैंडपंपों को ठीक कराने में गुजर जाती और हैंडपंप भी ठीक न होते। साल दर साल पेयजल को विभाग यही करता आया है। गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचता है, बच्चे प्यासे रह जाते हैं और जिम्मेदार कुछ समय कार्ययोजना बनाने तो कुछ समय बाद कागजों में ही हैंडपंप ठीक करा देते हैं। समस्या के इतर चुनाव सिर पर है और 31 विद्यालय ऐसे जहां हैंडपंप रीबोर की स्थिति में हैं। इन विद्यालयों के छात्र पानी को परेशान हैं ही यहां मतदान कर्मियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ेगा।
लोकसभा चुनाव के लिए सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को मतदान केंद्र बनाया गया है। इनमें पेयजल, शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश है। लेकिन जिम्मेदार इतने लापरवाह कि अब तक समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे। जिला प्रशासन को जो रिपोर्टिंग की जा रही वह भी फर्जी कर रहे। रिपोर्ट में जहां सभी मतदान केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था दिखाई गई है उनमें दैनिक जागरण की पड़ताल से तो रिपोर्टिंग अधिकारियों की पोल ही खुल गई। कहां कितने हैंडपंप खराब
सकलडीहा ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेनुवट, नौगढ़ में दस हैंडपंप खराब, दो को रीबोर करना पड़ेगा। धानापुर ब्लाक क्षेत्र में नरौली खास, कुसुम्ही, हिगुतरगढ़ प्रथम, किशुनपुरा, बिरना, मड़ईं, देवरापुर। चकिया ब्लाक के प्रावि इंद्रपुरवा, दिरेहू, मुजफ्फरपुर, बियासड, जमुआ, पचफेड़िया, मुड़हुआ दक्षिणी रामपुर, कुदरा व चार पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हैंडपंप खराब हैं। शहाबगंज ब्लाक के तीन प्राथमिक विद्यालय में हैंडपंप खराब व तीन में रीबोर की जरूरत है। ''सभी विद्यालयों में मतदान केंद्र बने हैं। वहां पेयजल समेत अन्य व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। तीन दिन में सभी हैंडपंप ठीक करा दिए जाएंगे।''
-नवनीत सिंह चहल, जिलाधिकारी।