होमगार्ड संभालेंगे सुरक्षा कमान
¨ जवानों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे रेल सुरक्षा तंत्र को होमगार्ड के जवानों के रूप में संजीवनी मिली है। जंक्शन और सर्कुले¨टग एरिया में सुरक्षा और दिनोंदिन बिगड़ती जा रही यातायात व्यवस्था को सु²ढ़ करने को होमगार्डों का सहारा लिया जाएगा।
अमित द्विवेदी
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पीडीडीयू नगर (चंदौली): जवानों और संसाधनों की कमी से जूझ रहे रेल सुरक्षा तंत्र को होमगार्ड के जवानों के रूप में संजीवनी मिली है। जंक्शन और सर्कुले¨टग एरिया में सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को सु²ढ़ करने में होमगार्ड हाथ बटाएंगे। अभी तक विशेष अवसरों पर ही आरपीएफ, जीआरपी के जवान ही ड्यूटी करते थे। नई व्यवस्था के तहत रेल प्रशासन ने होमगार्डों की सेवा लेगा। रणनीति सफल रही तो रेल मंडल के सभी प्रमुख स्टेशनों पर होमगार्ड सुरक्षा मोर्चा संभाले नजर आएंगे।
सर्कुले¨टग एरिया में जाम के नजारे आम हैं तो जंक्शन और रेलवे के प्लेटफार्मों पर आए दिन मारपीट और चोरी की सूचनाएं आती रहती हैं। रेल सुरक्षा तंत्र कर्मचारियों की कमी का रोना रोता है लेकिन फजीहत तो यात्रियों को झेलनी पड़ती है। बहरहाल जब हालात बद से बदतर होने लगे और व्यवस्था गड़बड़ाई तो महकमे को होमगार्ड जवानों की याद आई। नई व्यवस्था के तहत अब प्रमुख स्टेशनों और सर्कुले¨टग एरिया में होमगार्ड जवानों की नियमित ड्यूटी लगाई जाएगी। जंक्शन पर ड्यूटी के लिए 21 जवानों ने आमद भी करा ली है। मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर होंगे तैनात
वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि मुगलसराय रेल मंडल के सभी प्रमुख स्टेशनों पर होमगार्ड के जवानों को लगाया जाएगा। यूपी में पड़ने वाले मंडल के स्टेशनों के लिए अभी तक 24 होमगार्ड मिले हैं। जबकि बिहार और झारखंड राज्य अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर होमगार्डों की नियुक्ति के लिए संबंधित अधिकारियों से बात की जा रही है। होमगार्ड के जवानों को विशेष रूप से सर्कुले¨टग एरिया में यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने और भीड़ पर नजर रखने के कार्य में लगाया जाएगा।
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जवानों की कमी से परेशानी
जीआरपी थाना प्रभारी आरके ¨सह बताते हैं कि थाने पर 120 जवानों के सापेक्ष वर्तमान में 92 सिपाही हैं। इन्हीं को ट्रेनों में भी लगाया जाता है और सर्कुले¨टग एरिया में भी तैनात किया जाता है। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी बीएन मिश्रा का कहना है कि एक शिफ्ट में कम से कम 14 जवानों की आवश्यकता पड़ती है। जबकि दस जवान ही उपलब्ध रहते हैं। जवानों की कमी से इंकार नहीं किया जा सकता है।