हनुमान ने जलाई लंका, मंचन देख श्रोता हुए भाव विभोर
भगवानश्री राम की महिमा से भला कौन अपरिचित था चाहे सुरसा हो, लंकिनी हो, या खुद रावण की पत्नी मंदोदरी यहां तक के विभीषण भी श्री राम की भक्ति का प्रताप जानते थे ।
जागरण संवाददाता, कमालपुर (चंदौली): श्रीराम लीला मैदान में शुक्रवार की देर रात कलाकारों ने लंका दहन का मंचन किया। लंका में भगवान श्रीराम की महिमा से भला कौन अपरिचित था चाहे सुरसा हो, लंकिनी हो, या खुद रावण की पत्नी मंदोदरी। यहां तक की विभीषण भी श्रीराम की भक्ति का प्रताप जानते थे। जब श्रीहनुमान राम काज को लंका पहुंचे तो रावण इतना क्रोधित हुआ कि उनको मारने का आदेश दे दिया। लंका तबाह करने के बाद जब हनुमान जी श्रीराम को सब बताते हैं तो भक्ति का प्रवाह देखते ही बनता है।
इसके पूर्व हनुमान के लंका प्रस्थान के रास्ते में सुरसा ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की लेकिन बजरंग बली उसके मुख से बाहर निकल गए। लंका में पहुंचने पर लंकिनी ने रोका तो एक घुसे के प्रहार से परलोक सिधार गई। हनुमान जी की मुलाकात राम-राम जपते विभिषण से हुई। विभिषण ने बताया कि माता सीता अशोक वाटिका में हैं। हनुमान माता सीता के समक्ष श्रीराम द्वारा दी गई मुद्रिका गिराते हैं। आश्वस्त करते हैं कि आप धीरज रखें जल्द प्रभु उन्हें लेने आएंगे। हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी जाती है। वे पूरी लंका को जला देते हैं। वह लंका से वापस आकर श्रीराम को पूरी कथा बताते हैं। श्रीराम लीला का मंचन देख श्रोता भाव विभोर हो गए। अंत में आरती के बाद सैकड़ों लीला प्रेमी घरों को रवाना हो गए।