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बुद्धम शरणम गच्छामि से गूंजा नक्सल इलाका

जासं, चकिया (चंदौली): नक्सल प्रभावित घुरहूपुर बौद्ध स्थल गुरुवार को बुद्धम शरणम गच्छामि से गुंजा

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Nov 2017 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 02 Nov 2017 06:27 PM (IST)
बुद्धम शरणम गच्छामि से गूंजा नक्सल इलाका
बुद्धम शरणम गच्छामि से गूंजा नक्सल इलाका

जासं, चकिया (चंदौली): नक्सल प्रभावित घुरहूपुर बौद्ध स्थल गुरुवार को बुद्धम शरणम गच्छामि से गुंजायमान हो गया। मौका था बौद्ध महोत्सव का। बिहार प्रांत के कैबिनेट मंत्री बृजकिशोर ¨बद बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। महोत्सव को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बना।

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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध समाज के सभी वर्गों के हितैषी थे। समाजिक समरसता के लिए उनकी ख्याति आज भी जीवंत हैं। उनके बताए मार्ग पर चलने पर ही समाज व देश का भला होगा। कहा कि निश्चित तौर पर यह स्थल पर्यटन की ²ष्टि से काफी उपयुक्त है। जरूरत है भारतीय पुरात्व विभाग द्वारा इस स्थल को विकसित किए जाने के लिए कार्ययोजना बनाने की। आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार को वह पत्र लिखेंगे। भाजपा विधायक शारदा प्रसाद ने भगवान बुद्ध के गौरव पूर्ण काल प्रकाश डाला। इस स्थल को खोज निकालने वाले दिवंगत पत्रकार को याद किया। हालांकि चुनाव आचार संहिता लागू होने से किसी तरह का आश्वासन देने से बचते नजर आए। बोले जिस जोश से अनुयाइयों ने हिस्सेदारी निभाई, काबिले तारीफ है। इस स्थल को विकसित किया जाना समय की मांग है। महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे भंते अशोक वंश ने महात्मा बुद्ध के विचारों को विस्तार से अवगत कराया। महोत्सव को समाज सेविका गीता शुक्ला, वशिष्ठ नारायण, अदालत राजभर, गणेश मौर्या, अनिल मौर्य, महेन्द्र, रमाशंकर, धीरेन्द्र, जितेन्द्र, श्रवण कुमार, रोशन समेत तमाम लोगों ने संबोधित किया।

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मैले जैसा रहा महोत्सव का नजारा

घुरहूपुर स्थित पहाड़ी शिखर पर स्थित बौद्ध स्थल के चहुंओर मेले जैसा ²श्य दिखा। पहाड़ी पर पेड़ पौधों की छांव तले सौंदर्य प्रसाधन सहित चाट पकौड़ी, खिलौने की दुकानें सज गई थी। जहां लोगों की भीड़ नजर आई। पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से जरूर लोग परेशान रहे।

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आयोजन हुआ फीका

महोत्सव को लेकर एक माह पूर्व से ही तैयारी की जा रही थी। उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई मंत्रियों, सांसदों के आने को लेकर आयोजक सहित अनुयाई काफी उत्सुक थे। प्रदेश के मंत्री समेत भाजपा सांसद छोटे लाल खरवार भी महोत्सव में शामिल नहीं हो सके।

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दिवंगत पत्रकार को नहीं किया याद

घुरहूपुर पहाड़ी पर 10 वर्ष पूर्व बौद्ध स्थल की खोज करने वाल दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार सुशील त्रिपाठी को याद नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना रहा।


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