जीआरपी को ढूंढ़े नहीं मिल रही एफआइआर व चार्जशीट की फाइल
जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमय मौत की गुत्थी को सुलझाने में लगी प्रदेश सरकार की उम्मीदों को झटका लग सकता है। तमाम प्रयासों के बाद भी स्थानीय जीआरपी टीम पंडित जी की मौत से जुड़ी एफआईआर और चार्जशीट का पता नहीं लगा सकी है। जबकि एडीजी रेल ने इन्हीं दो महत्वपूर्ण बिदुओं पर जानकारी मांगी है। बहरहाल रेल पुलिस ने जो भी जानकारी जुटाई है उसे उच्चाधिकारियों को प्रेषित करने की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता पीडीडीयू नगर (चंदौली): जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमय मौत की गुत्थी को सुलझाने में लगी प्रदेश सरकार की उम्मीदों को झटका लग सकता है। तमाम प्रयासों के बाद भी स्थानीय जीआरपी टीम पंडित जी की मौत से जुड़ी एफआईआर और चार्जशीट का पता नहीं लगा सकी है। एडीजी रेल ने इन्हीं दो महत्वपूर्ण बिदुओं पर जानकारी मांगी है। बहरहाल रेल पुलिस ने अभी तक जुटाई जानकारियों को उच्चाधिकारियों को भेजने की तैयारी में है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव 11 फरवरी 1968 को स्थानीय रेल यार्ड में पाया गया था। प्रदेश सरकार ने मौत के रहस्य से पर्दा हटाने की कवायद शुरू की तो मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। स्थानीय जीआरपी टीम के पास ऐसे साक्ष्य नहीं हैं जो तहकीकात में मददगार साबित हो सकें। फाइल संख्या चार और आठ मौत से जुड़ी सामान्य जानकारी ही दर्ज है। यूं कहें कि पंजीकृत अभियोग, घटना की तारीख, प्रकाश में आए अभियुक्त और उनके विरुद्ध हुई कार्रवाई का विवरण ही जीआरपी के पास उपलब्ध है। जबकि उच्चाधिकारियों ने एफआईआर और चार्जशीट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। काफी हाथ-पांव मारने के बाद भी जीआरपी के हाथ अहम जानकारी नहीं लग सकी है। टीम पुराने समाज सेवियों से लगायत संघ सदस्यों और भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं तक से संपर्क साध चुकी है। जीआरपी थाना प्रभारी आरके ¨सह का कहना है कि जो भी जानकारी मांगी गई है उसे उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाएगा। जरूरी सूचनाएं एकत्रित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।